राज्य के पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के दौरान मौत होने पर उनके परिजनों को तत्काल 25 लाख रुपये का आर्थिक अनुदान दिया जाएगा। इसके दायरे में बिहार पुलिस के सिपाही से लेकर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) स्तर के अधिकारी भी आएंगे। राशि चेक के माध्यम से या संबंधित व्यक्ति के बैंक खाता में सीधे भुगतान किया जाएगा।

बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजविंदर सिंह भट्टी की अध्यक्षता में संपन्न बिहार पुलिस केंद्रीय प्रशासी समिति की मंगलवार करे हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। पूर्व में ड्यूटी के दौरान मौत पर दो लाख रुपये का भुगतान किया जाता था। इस बात की जानकारी गुरुवार को सहायक पुलिस महानिरीक्षक (कल्याण) विशाल शर्मा ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

राशि देने की शुरुआत समस्तीपुर के शहीद ओपी प्रभारी से श्री शर्मा ने बताया कि प्रशासी समिति की बैठक में हुए निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। 25 लाख रुपये आर्थिक अनुदान देने की शुरुआत समस्तीपुर के मोहनपुर ओपी थाना अध्यक्ष शहीद नंदकिशोर यादव के परिजनों को राशि देकर की जाएगी।

छापेमारी के दौरान मौत पर भी मिलेगा अनुदान

श्री शर्मा ने बताया कि छापेमारी के दौरान पुलिसकर्मी की मौत पर भी यह अनुदान राशि दी जाएगी। वहीं, उग्रवादियों-अपराधिक से मुठभेड़, बारूदी सुरंग, नक्सली हमला, दंगा, दुर्घटना के दौरान मौत पर 25 लाख की राशि प्रदान की जाएगी। इन घटनाओं में घायल होने के बाद इलाज के दौरान मौत के मामले में भी राशि का भुगतान होगा। उन्होंने बताया कि आत्महत्या की स्थिति में अनुदान देय नहीं होगा। केंद्रीय प्रशासी समिति की बैठक में बिहार पुलिस परोपकारी कोष से सहायता अनुदान, पुलिस सहाय्य एवं कल्याण कोष से विशेष परिस्थिति में अनुदान, बिहार पुलिस शिक्षा कोष से सहायता अनुदान को लेकर प्राप्त सभी आवेदनों की समीक्षा कर अनुदान दिए जाने की स्वीकृति दी गयी।

Source : Hindustan

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