पटना, 20 फरवरी 2025 – बिहार को हवाई सेवाओं के विस्तार की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि मिली है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने पूर्णिया एयरपोर्ट पर टर्मिनल बिल्डिंग निर्माण को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के तहत पूर्णिया दौरे के दौरान उन्होंने इस एयरपोर्ट के विकास कार्यों की समीक्षा की थी और अधिकारियों को तेजी से काम पूरा करने के निर्देश दिए थे। अब AAI द्वारा मंजूरी मिलने के बाद बिहार को एक और नए एयरपोर्ट की सौगात मिलने जा रही है।
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23% कम लागत में होगा निर्माण
AAI द्वारा जारी टेंडर के तहत ₹33.99 करोड़ की लागत से टर्मिनल भवन का निर्माण किया जाएगा, जो अनुमानित लागत ₹44.15 करोड़ से 23% कम है। पहली टेंडर बोली 12 सितंबर और दूसरी 27 सितंबर को खोली गई थी। अब फाइनल एजेंसी के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, जिसके बाद निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा।
आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा पूर्णिया एयरपोर्ट
AAI के आर्किटेक्ट ने पहले ही पूर्णिया एयरपोर्ट का डिजाइन तैयार कर लिया है। यह एयरपोर्ट “स्टेट ऑफ द आर्ट” सुविधाओं से लैस होगा और अगले 30-40 वर्षों के यात्री आवागमन को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। यहां कुल पांच एयरोब्रिज बनाए जाएंगे, जिससे यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
अंतरिम टर्मिनल का निर्माण पोर्टा कांसेप्ट पर
मुख्य टर्मिनल के निर्माण से पहले, एक अंतरिम टर्मिनल भवन पोर्टा कांसेप्ट पर तैयार किया जाएगा ताकि जल्द से जल्द उड़ानों का संचालन शुरू किया जा सके। AAI के अनुसार, डीजीएम (इंजीनियरिंग) को प्रोजेक्ट का प्रभारी नियुक्त किया गया है, और ठेकेदार को जल्द अनुबंध पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। निर्माण एजेंसी को ₹1.69 करोड़ की परफॉर्मेंस गारंटी और ₹88.30 लाख की सुरक्षा निधि जमा करनी होगी। श्रम कानूनों के अनुपालन का भी सख्ती से पालन किया जाएगा।
प्रगति यात्रा के बाद तेजी से आगे बढ़ा काम
पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के दौरान समीक्षा बैठक की थी। उन्होंने निर्माण कार्य में आ रही बाधाओं को दूर करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद इस परियोजना में तेजी आई है।
सीमांचल, कोसी और नेपाल को होगा फायदा
पूर्णिया एयरपोर्ट का यह टर्मिनल निर्माण सीमांचल, कोसी, पश्चिम बंगाल, झारखंड और नेपाल के यात्रियों के लिए सीधी हवाई सुविधा का रास्ता खोलेगा। अंतरिम टर्मिनल के पूरा होते ही हवाई यात्रा शुरू करने की प्रक्रिया तेज कर दी जाएगी। इससे स्थानीय यात्रियों को सुविधा मिलने के साथ ही क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।