भगवानपुर से अपहृत एमबीए छात्रा की तलाश अब सीआईडी करेगी। जिला पुलिस से केस लेकर मुख्यालय ने अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी )को सौंप दिया है। सीआईडी के डीएसपी राम दुलार प्रसाद को कांड में आईओ बनाया गया है। अब तक अनुसंधान में पुलिस ने क्या किया। छात्रा को क्यों नहीं तलाश पाई। कहां चूक हुई। इस संबंध में शुक्रवार को एसएसपी राकेश कुमार हाईकोर्ट में पेश होकर जवाब देंगे।

केस का चार्ज मिलने के साथ गुरुवार को सीआईडी के डीएसपी रामदुलार प्रसाद सदर थाना पहुंचे। केस के संबंध में जरूरी जानकारी आईओ रही संवेदना स्नेही से ली। चार्च लेने के लिए केस डायरी अद्यतन करने को सदर थाने से कहा। मुख्यालय के निर्देश के अनुसार, सीआईडी के आईओ को आर्थिक अपराध इकाई के एसपी सुपरवाइज करेंगे।

सदर पुलिस ने बताया कि शुरुआत में केस को गलत ट्रैक पर डाल दिया गया। इसमें दो युवतियां भी फेसबुक पर गायब छात्रा के नाम का अकाउंट संचालन करने के आरोप में गिरफ्तार हुई। दोनों से जब पूछताछ की गई तो उसने छात्रा को मानव तस्करों के द्वारा रेड लाइट एरिया में बेच दिए जाने की बात बताकर पुलिस को सकते में डाल दिया। इसके बाद सदर थाने की पुलिस रेड लाइट एरिया में घेराबंदी कर छापेमारी की, लेकिन छात्रा का कहीं सुराग नहीं मिला।

केस दर्ज करने से लेकर छानबीन तक में रही चूक

शेखपुरा जिले की छात्रा सदर थाना क्षेत्र में अपने नाना के घर रहकर इलाके के एक मैनेजमेंट कॉलेज में पढ़ रही थी। 12 दिसंबर 2022 को वह कॉलेज के लिए घर से निकली। लेकिन, उसका भगवानपुर से अपहरण कर लिया गया। जब शाम तक वह घर नहीं लौटी तो उसके नाना ने सदर थाने में उसके अपहरण की एफआईआर के लिए आवेदन सौंपा। छात्रा के नहीं मिलने पर पिता ने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसके बाद हाइकोर्ट में इस पर सुनवाई चल रही है।

Source : Hindustan

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