MUZAFAFRPUR । पूर्वजों के नाम से जारी लगान रसीद, एलपीसी या वंशावली के आधार पर किए गए कृषि इनपुट अनुदान के आवेदनों को रद्द किया जा रहा है। इसको लेकर कृषि निदेशक डॉ. आलोक रंजन घोष ने सभी डीएओ को निर्देश दिया है।
बताया है कि ऐसे रद्द आवेदन जिसमें लगान रसीद, एलपीसी 2021-22 का अपडेट नहीं है, उनको अपडेट लगान रसीद, एलपीसी या मुखिया व सरपंच से सत्यापित वंशावली फिर लगाने के लिए पुनर्विचार की सुविधा डीबीटी पोर्टल पर दी जा रही है। जिले में 91126 किसानों ने आवेदन किए गए हैं। इसमें काफी आवेदन इन सब कारणों से रद्द हो रहे हैं।
कृषि निदेशक ने बताया है कि कुछ जिलों के जिला कृषि अधिकारी से मिले आवेदनों के सत्यापन में वास्तविक रूप से प्रभावित किसानों का आवेदन अस्वीकृत होने पर मार्गदर्शन मांगा गया है। इसमें सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, गया शामिल हैं।
मुजफ्फरपुर में कुछ किसानों ने 2019-20 की रसीद के साथ आवेदन किया है तो अब कुछ किसानों को अपडेट रसीद मिल चुकी है, जिसे सत्यापन के समय वे प्रस्तुत कर रहे हैं। इसपर कृषि विभाग ने बताया है कि ऐसे आवेदकों को योजना का लाभ दिया जा सकता है।
सीतामढ़ी में आवेदक द्वारा रैयत किसान के रूप में आवेदन करने का मामला सामने आया। इनकी लगान रसीद में जमाबंदी पिता, दादा या परदादा के नाम दर्ज हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें अनुदान का लाभ वंशावली के आधार पर दिया जाए या नहीं। कृषि विभाग ने इसका समाधान करते हुए बताया कि लगान रसीद में जमाबंदी पूर्वजों के नाम से दर्ज है, ऐसी स्थिति में निर्गत वंशावली के मुखिया, सरपंच से सत्यापन के आधार पर उनके हिस्से की जमीन के क्षतिग्रस्त रकवा पर अनुदान दिया जाएगा।
Source : Hindustan