देश में प्राइवेट कारों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए केंद्र सरकार नई पॉलिसी लाने पर विचार कर रही है। नीति आयोग ने यह पॉलिसी तैयार की है। इस पॉलिसी के तहत निजी कारों के मालिकों को कुछ शर्तों के साथ सवारी ढोने की छूट दी जाएगी। इससे निजी कार मालिकों की कमाई भी बढ़ेगी।

नीति आयोग ने प्राइवेट कारों की संख्या कम करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के सामने व्हीकल पूलिंग (Vehicle Pooling) पॉलिसी पेश की है। इस पॉलिसी के तहत निजी कार मालिक अपनी कार में सवारी ढो सकते हैं। हालांकि, उनको एक दिन में तीन या चार ट्रिप लगाने की अनुमति होगी। इस पॉलिसी के तहत राज्य सरकारें इन निजी कारों को कैब या टैक्सी नहीं माना जाएगा। TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, यात्रियों की सुरक्षा के लिए इन निजी कारों के मालिकों को अपना वाहन राज्यों में कार्य कर रहे कैब एग्रीगेटर के पास पंजीकृत कराना होगा। यह कैब एग्रीगेटर वाहनों की केवाईसी अपने पास रखेंगे। इस सेवा को लेने वाले निजी वाहन चालकों को अपने यात्रियों के लिए बीमा सुविधा भी लेनी होगी।

पॉलिसी के अनुसार, इस सेवा का लाभ लेने वाले सभी वाहनों का पूरा रिकॉर्ड वाहन डेटाबेस (Registerd Vehicles) पर दर्ज होगा, ताकि कोई कार मालिक एक दिन में ज्यादा ट्रिप लगाने के लिए एक से ज्यादा एग्रीगेटर के पास पंजीकरण ना करा ले। पॉलिसी में स्पष्ट किया गया है कि कोई भी कैब एग्रीगेटर किसी भी कार मालिक को ज्यादा ट्रिप लगाने को प्रोत्साहित करने के लिए किसी भी प्रकार का इंसेंटिव नहीं देगा। एक अधिकारी के अनुसार, सरकार इसके लिए किसी भी प्रकार की किराया नीति जारी नहीं करेगी और यह सब बाजार पर निर्भर रहेगा। हालांकि, पॉलिसी के नियमों का पालन कराने के लिए सरकार एक मजबूत ऑडिट सिस्टम लाएगी।

परिवहन संबंधी नियम बनाने के अधिकार राज्यों के पास होता है। ऐसे में केंद्र सरकार इस पॉलिसी को सफल बनाने के लिए राज्य सरकारों से बातचीत कर रही है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय इस पॉलिसी को लेकर कई राज्यों से दो दौर की बातचीत कर चुका है।

Input : Dainik Bhaskar

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