देश में एनआरसी पर राजनीति लगातार जारी है.सीएम ममता बनर्जी और गृह मंत्री अमित शाह के बीच इस मुद्दे पर लगातार बहस देखने को मिल रही है. अब इसमे प्रशांत किशोर भी शामिल होते नजर आ रहे हैं. हाल ही में सरकार पर निशाना साधते हुए जेडीयू नेता और कई राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनाव प्रचार रणनीतिकार का काम कर चुके प्रशांत किशोर ट्वीट किया है.
प्रशांत किशोर ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस के मामले में बिना नाम लिए बीजेपी पर हमला बोला है. गृह मंत्री अमित शाह के बुधवार को असम की तर्ज पर पूरे देश में एनआरसी तैयार करने की कवायद किए जाने के बयान के बाद प्रशांत किशोर ने यह टिप्पणी की है.
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि भारत की 55% से अधिक आबादी वाले 15 से ज्यादा राज्यों में गैर-भाजपा मुख्यमंत्री हैं. आश्चर्य है कि उनमें से कितने राज्यों से एनआरसी को लेकर परामर्श किया जाता है. और उनके अपने-अपने राज्यों में NRC लागू होने जा रहा है.
बता दें कि असम में एनआरसी को लेकर लिस्ट प्रकाशित की गई है. इस अंतिम लिस्ट में 19 लाख लोगों को लिस्ट से बाहर रखा गया है. एनआरसी का मकसद अवैध तरीके से खासतौर पर बांग्लादेश से असम में आए घुसपैठियों की पहचान करना है. एनआरसी के लागू होने के बाद अवैध घुसपैठियों को उनके देश वापस भेजा जाएगा.
शांत किशोर ने इस साल आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की जीत में बड़ी भूमिका निभाई है. किशोर की रणनीति से आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया. वाईएसआरसीपी ने लोकसभा की 25 में से 22 सीटों पर जीत दर्ज की. अब वो जदयू के साथ हैं. बड़े पद पर हैं. लेकिन अपनी ही गठबंधन वाली सरकार पर तंज कस रहे हैं.
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