अगर आपको पता चले कि ट्रेन के सफर में एक कप चाय पीने के लिए 70 रुपये चुकाने पड़ेंगे तो आप एक बार जरूर चौंक जाएंगे. हालांकि, यह सच है. एक शख्स ने जब ट्रेन में चाय खरीदी तो उसे 20 रुपये के कप पर 50 रुपये का सर्विस चार्ज चुकाना पड़ा. रेलवे की इस ‘हाई फाई’ सर्विस के सबूत के तौर पर उस शख्स ने सोशल मीडिया पर उस चाय का बिल शेयर किया, जो अब वायरल हो चुका है. हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसकी वजह बताई है.
₹20 का चाई पर ₹50 का GST. कुल मिलाकर ₹70 का एक चाई,
हैं ना कमाल का लूट
Series of such complaints to @IRCTCofficial fall on deaf ears at @RailMinIndia
and the private players have a loot in “connivance” with the 🤫 pic.twitter.com/Ayir5vGITL— Deepak Kumar Jha (@journalistjha) June 30, 2022
क्या है मामला
दरअसल, पत्रकार दीपक कुमार झा 28 जून को दिल्ली से भोपाल के बीच चलने वाली भोपाल शताब्दी ट्रेन में सफर कर रहे थे. उन्होंने एक कप चाय के दो टैक्स इन्वॉयस अपने टि्वटर अकाउंट पर शेयर किया है. उन्होंने लिखा, ’20 रुपये की चाय पर 50 रुपये का जीएसटी. कुल मिलाकर 70 रुपये की एक चाय. है न कमाल की लूट?’ दीपक ने आरोप लगाया कि ऐसी कई शिकायतें की जाती हैं लेकिन ट्रेनों में कैटरिंग सर्विस देने वाली आईआरसीटीसी और रेलवे मंत्रालय के कान पर जूं नहीं रेंगती और इसकी आड़ में ‘प्राइवेट प्लेयर्स’ लूट मचा रहे हैं.
इसके बाद, कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने दीपक को करेक्ट करते हुए कहा कि यह जीएसटी नहीं, बल्कि सर्विस चार्ज वसूला गया है. वहीं, बहुत सारे यूजर्स का कहना था कि एक कप चाय के लिए 50 रुपये का सर्विस चार्ज बहुत ज्यादा है.
क्या कह रहे हैं रेलवे अधिकारी
पूरे मामले पर रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि ग्राहक से कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं वसूला गया है. अधिकारियों के मुताबिक, जब कोई यात्री राजधानी या शताब्दी जैसी ट्रेनों में रिजर्वेशन करवाते वक्त मील बुक नहीं करता तो सफर के दौरान चाय-कॉफी या भोजन मंगवाने पर 50 रुपये बतौर सर्विस चार्ज चुकाने पड़ते हैं. भले ही उसने एक कप चाय ही क्यों न मंगवाई हो. रेलवे के मुताबिक, इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने 2018 में एक आदेश भी जारी किया था.
ट्रेनों में फूड सर्विस लेना अनिवार्य नहीं
बता दें कि पहले राजधानी या शताब्दी जैसी ट्रेनों में फूड सर्विस अनिवार्य थी लेकिन बाद में इसे वैकल्पिक कर दिया गया. यानी अगर यात्री चाहे तो वो इन ट्रेनों में भोजन और जलपान लेने से मना कर सकता है. ऐसे में उसे सिर्फ टिकट के पैसे चुकाने होंगे, फूड सर्विस के लिए नहीं.
Source: Aaj Tak