बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री माननीय श्री मंगल पांडे के द्वारा एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर, के परिसर में टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल एवं डॉक्टर्स फॉर यू के सहयोग से आज देश का पहला सरकारी मेडिकल कॉलेज में स्थापित वन हेल्थ प्रयोगशाला का उद्घाटन किया गया।
अत्याधुनिक सुविधाओं से बना वन हेल्थ लैब टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल के तकनीकी सहयोग से एसकेएमसीएच पैथोलॉजी विभाग और डॉक्टर्स फॉर यू संस्था द्वारा संचालित किया जायेगा।
इस अत्याधुनिक सुविधायुक्त प्रयोगशाला के मार्गदर्शन में डॉक्टर रविकांत एवं टाटा कैंसर हॉस्पिटल,मुंबई का अहम योगदान है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस अत्याधुनिक प्रयोगशाला को सेटअप करने में बोइंग इंडिया, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, डॉक्टर्स फॉर यू एवं अल्केम लेबोरेटरीज लिमिटेड को आभार व्यक्त करता हूं।
जीनोम सिक्वेंसिंग लैब, पूर्व एवं पूर्वोत्तर राज्यों का पहला हाइटेक लैब हैं जहां किसी भी व्यक्ति, जानवर या पौधें का जिनेटिक स्तर तक अध्ययन करके बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। इसका प्रयोग जीन में किसी प्रकार की विकृति एवं उसके आधार पर भविष्य में आकर ले सकने वाली स्वास्थ्य समस्याओं एवं गंभीर बीमारियों की पड़ताल हेतु तरह की प्रयोगशाला अति आवश्यक होती है। जिसका उद्घाटन आज प्रदेश के माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी के द्वारा हो रहा है। इस अत्याधुनिक फ्लोर में तीन विभिन्न विषयों के प्रयोगशाला स्थापित किया गया है।
Pathology Lab
Microbiology Lab
Cancer Genome Sequencing Lab
मानव स्वास्थ्य, जानवर स्वास्थ्य और पर्यावरण स्वास्थ्य इन तीनों की पड़ताल वन हेल्थ लैब में किया जाएगा।
समान्यत: मरीजों को कैंसर पता करने के लिए MRI, बायोप्सी या CT scan आदि जांच की सहायता ली जाती है और कैंसर ज्ञात होने के पश्चात सबसे बड़ी चुनौती डॉक्टरों के लिए होती है कि किस तरह का कैंसर है, यह किस प्रकार का है? जीनोम सीक्वेंसिंग लैब से यह पता चल जाता है कि यह किस प्रकार का कैंसर हैं, जिससे डॉक्टर को सही दवा या बीमारी ठीक करने में मदद मिलती हैं।
इस लैब में जीनोम सिक्वेंसिंग के माध्यम से प्रसव के पूर्व ही बच्चे की जांच कर उसके जन्म से पहले की बीमारी की पहचान की जा सकती है। इस लैब की महत्त्वपूर्ण विशेषता अगली पीढ़ी की सिक्वेंसिंग सेवा की शुरुआत है। इस तकनीक का अनुवांशिक रोग विशेष रूप में कैंसर का पता लगाने, प्रबंधन और उपचार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा। इस लैब का उद्देश्य भारत के पूर्व और पूर्वोत्तर राज्यों में कैंसर रोगियों को सेवा प्रदान करना है।
अपने अभिभाषण में स्वास्थ्य मंत्री, बिहार सरकार माननीय श्री मंगल पांडे ने कहा कि पिछले 5 साल में मुजफ्फरपुर में स्वास्थ्य की दिशा में बहुत कार्य हुए है। आज एसकेएमसीएच पूरे भारत का पहला मेडिकल कॉलेज है जहां इस तरह का लैब है। इसके लिए उन्होंने डॉक्टर्स फॉर यू को धन्यवाद दिया कि उन्होंने करोना काल में बिहार सरकार की 20 करोड़ से ज्यादा की मदद की थी। उन्होंने श्री संपदा बाबू को याद करते हुए कहा कि अल्केम लेबोरेटरीज ने यहां 100 करोड़ से ज्यादा रुपया होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर को रेडियोलोजी डिपार्टमेंट के लिए अपने सी एस आर फंड से दिया इसके लिए तहे दिल से धन्यवाद किए।
इसके साथ ही बोइंग इंडिया और स्टैंडर्ड चार्टर्ड का भी शुक्रिया अदा किया।
राज्य सरकार बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और कैंसर जैसी बीमारियों के उभरते चुनौतियों का समाधान करने के लिए वन हेल्थ प्रयोगशाला की स्थापना को गई है।
इस मौके पर एसकेएमसीएच के प्रिंसपल डॉ बिकास कुमार, डॉ मनोज कुमार (विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी विभाग), डॉ रजत जैन ( अध्यक्ष डॉक्टर्स फॉर यू), अशोक प्रियदर्शी ( क्षेत्रीय अध्यक्ष अल्केम) आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।