जिला बाल संरक्षण इकाई, मुजफ्फरपुर के तत्वावधान में विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान से आवासित एक बालिका ओजस्विता कुमारी को कतर के दम्पत्ती नुरुद्दीन मेथाले पूराइल एवं समीरा कुरुवादपुरा द्वारा गोद लिया गया।

इनके द्वारा 3 वर्ष पूर्व बच्चा गोद लेने हेतु आवेदन किया गया था तथा विगत 6 माह से इस हेतु कानूनी प्रक्रिया की जा रही थी। सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय के द्वारा दिनांक 01.03.2021 को पूर्ण दत्तकग्रहण में देने हेतु आदेश पारित किया गया था। तत्पश्चात् उक्त बालिका को उपर्युक्त दंपत्ति को गोद दिया गया।

इस शुभ अवसर पर सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई, उदय कुमार झा, बाल संरक्ष्रण पदाधिकारी चन्द्रदीप कुमार, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष संजीव कुमार , सदस्य अमोद कुमार एवं शिवानी कुमारी तथा संस्थान के सचिव परमहंस प्रसाद सिंह तथा समन्वयक अनुपमा तथा अन्य कर्मी उपस्थित थें।

जानिए दत्तकग्रहण के क्या नियम है

कोई भी ऐसा दंपत्ति जिसकी शारीरिक ,मानसिक स्थिति एवं आर्थिक स्थिति दृढ़ हो बच्चा गोद लेने के लिए पात्र हो सकता है तथा उसने कम से कम दो वर्ष को वैवाहिक जीवन व्यतीत किया हो तथा दोनो की आपसी सहमती जरुरी है। अलग-अलग उम्र वाले दंपत्ति को अलग – अलग उम्र के बच्चें की पात्रता होती है। बच्चा गोद लेने के लिए केंद्रीय दत्तकग्रहण संसाधन प्राधिकरण के साइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। बच्चा गोद लेने के पात्र माता -पिता को बच्चा गोद दिया जाता है। एकल पुरूष अभिभावक को लड़की गोद नही दिया जा सकता है। महिला अभिभावक लड़का एवं लड़की दोनों गोद ले सकती है। तीन बच्चे के बाद गोद लेने पर विशेष देखभाल वाले बच्चे मिलते है। देश में किसी अन्य माध्यम से बच्चा गोद लेना और देना दोनो अपराध है।

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