पटना. पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने दिल्ली स्थित अपने बंगले को खाली कर दिया है. लेकिन इसे खाली करते वक्त उन्हें उसे ऐसा उजाड़ा कि अब पहचानना मुश्किल हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक कमरों से खिड़की-दरवाजे उखाड़ लिए गये और दीवारों से टाइल्स निकाल ली गई. बंगले में फर्नीचर बिखरा पड़ा है, बरामदे खंडहर में तब्दील हो गए हैं. दरअसल पप्पू यादव को बतौर सांसद लुटियंस दिल्ली स्थित बलवंत राय मेहता लेन में 11ए नंबर बंगला अलॉट किया गया था. अब जबकि पप्पू यादव सांसद नहीं है उनके द्वारा इस बंगले को खाली करते वक्त इसका बुरा हाल बना दिया गया. यहां का नजारा युद्ध क्षेत्र की किसी इमारत में मची तबाही जैसी है.
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खाली करते वक्त बंगले में अतिरिक्त निर्माण ढहाया
यह बंगला बिहार से पूर्व सांसद पप्पू यादव के नाम आवंटित है और बंगले में तबाही के मंजर की वजह इसे खाली करने से पहले इसमें किए गये अतिरिक्त निर्माण कार्य को हटाना बताया गया है. खबर है कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने पूर्व सांसदों से बलपूर्वक सरकारी बंगला खाली कराना शुरू कर दिया है. इसकी खबर मिलते ही पप्पू यादव ने पहले ही बंगला खाली कर दिया. उन्होंने बंगले में उस अस्थायी निर्माण को ढहा दिया जिसे उन्होंने अपने समर्थकों और सैकड़ों लोगों के रुकने-ठहरने के इंतजाम के नाम पर बनाया था.
बिहार के लोगों के लिए किया था रुकने का इंतजाम
आवास पर मौजूद पप्पू यादव के निजी सचिव अजय कुमार ने दावा किया कि बंगले में लगभग 400 लोगों के रुकने का इंतजाम था. उन्होंने बताया, ‘हमारे सांसद जी ने उन मरीजों के लिये आवास में रुकने और ठहरने का इंतजाम किया था जो मधेपुरा सहित बिहार के अन्य इलाकों से इलाज कराने के लिए दिल्ली आते थे. इसीलिए बंगले के बाहर सुभाष चंद्र बोस सेवाश्रम का बोर्ड भी लगा हुआ है जिस पर लिखा है, ‘आपका घर, सबका घर.’
CPWD ने आरोपों को किया खारिज
कुमार ने निर्माण कार्य को ढहाने और खिड़की-दरवाजे उखाड़ कर ले जाने का तोहमत केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के सिर पर डाल दिया. हालांकि सीपीडब्ल्यूडी ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि पूर्व सांसद ने अभी बंगले का कब्जा हस्तांतरित (ट्रांसफर) नहीं किया है. कुमार ने न्यूज एजेंसी को बताया, ‘मंगलवार को सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मौजूदगी में निर्माण कार्य को हटाया गया था और इससे निकले खिड़की दरवाजे भी सीपीडब्ल्यूडी का दल ले गया.’
सीपीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने पप्पू यादव को आवंटित बंगले में ऐसी किसी कार्रवाई से इनकार किया है. उन्होंने बताया कि इस तरह की कार्रवाई पुलिस की मौजूदगी में बलपूर्वक बंगला खाली कराते समय होती है, जबकि बलपूर्वक बंगला खाली कराने वालों की सूची में पप्पू यादव का नाम शामिल नहीं है.
230 पूर्व सांसदों को बंगला खाली करने का मिला नोटिस
बता दें कि लुटियंस दिल्ली स्थित बंगलों की देखरेख और रखरखाव की जिम्मेदारी केंद्रीय भवन निर्माण एजेंसी सीपीडब्ल्यूडी की है. मंत्रालय का संपदा निदेशालय इन बंगलों के आवंटन के बाद आवंटी को कब्जा दिलाने और आवंटन रद्द होने पर कब्जा वापस लेने की जिम्मेदारी निभाता है.
हाल ही में लोकसभा चुनाव के बाद संपदा निदेशालय ने 230 पूर्व सांसदों को उनके बंगले खाली करने के नोटिस जारी किये थे. अक्टूबर के पहले सप्ताह तक बंगले खाली नहीं करने वाले लगभग 50 सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब तलब किया गया था. इस सूची में पप्पू यादव और उनकी पूर्व सांसद पत्नी रंजीत रंजन भी शामिल थीं. पूर्व सांसद रंजीत रंजन को बलवंत राय मेहता लेन में ही सात नंबर बंगला आवंटित है.
Input : News18