पटना पुलिस ने बेहतर पुलिसिंग और जनता की समस्याओं को सीधे तौर पर जानने के लिए एक नई पहल शुरू की है। राजधानी से लेकर जिले के थानों में क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। इस क्यूआर कोड के माध्यम से शिकायतकर्ता थाने में होने वाली परेशानी और वहां की व्यवस्था से संबंधित फीडबैक दे सकेंगे। शुक्रवार को इस पहल की शुरुआत कोतवाली थाने से की गई। सिटी एसपी चंद्र प्रकाश ने बताया कि एसएसपी और मुख्यालय के आदेश पर क्यूआर कोड विकसित किया गया है। थाने में आने वाले पीड़ित इसके माध्यम से वहां होने वाली परेशानी, रिस्पांस का समय और व्यवस्था के बारे में फीडबैक दे सकेंगे।
एएसपी सदर स्वीटी सेहरावत ने बताया कि जिले के थानों को दो कैटेगरी, शहरी और ग्रामीण, में बांटा गया है। शहरी थानों को क्यूआर कोड से मिले फीडबैक के आधार पर अंक दिए जाएंगे और टॉप 5 थानों के वरीय अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा। जिन थानों का फीडबैक खराब मिलेगा, उन्हें सुधारने की कोशिश की जाएगी। फीडबैक फॉर्म को बहुत ही साधारण तरीके से तैयार किया गया है ताकि किसी को परेशानी नहीं हो। थाने पर क्यूआर कोड के अलावा ऑफलाइन मोड में भी फीडबैक देने की व्यवस्था होगी, ताकि जो लोग स्मार्टफोन नहीं चलाते हैं, वे ऑफलाइन अपना फीडबैक दे सकें। ग्रामीण इलाकों के थानों में भी क्यूआर कोड लगाया जाएगा। लोग अपने मोबाइल से ही इसे स्कैन कर अपना फीडबैक दे सकेंगे। फीडबैक की जानकारी थाने के अफसरों को नहीं होगी।
एसपी चंद्रप्रकाश ने बताया कि 1 अगस्त से इस पहल का कंट्रोलिंग पावर एसपी पश्चिमी अभिनव धीमान और एएसपी सदर स्वीटी सेहरावत के पास रहेगा। अच्छे से स्थिर होने के बाद इसका कंट्रोलिंग पावर पटना एसएसपी के साथ एसपी ग्रामीण, एसपी मध्य, एसपी पूर्वी और एसपी पश्चिमी के पास होगा। फीडबैक की जानकारी थाने में तैनात पुलिस अधिकारियों के पास नहीं होगी। केवल फॉर्म भरने और फरियादियों की सहायता के लिए थाने के अधिकारी मदद कर सकेंगे।
यहां मिलेगा क्यूआर कोड:
गश्ती गाड़ियों के पीछे क्यूआर कोड लगेगा जिसे स्कैन कर लोग प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
थाने में मौजूद ओडी ऑफिसर, सरिस्ता और अन्य जगहों पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे।
फायदे:
इस क्यूआर कोड के लगने के बाद थाने के कार्यकलापों में पारदर्शिता आएगी।
लोगों का सीधा फीडबैक मिलेगा जिससे जमीनी हकीकत की जानकारी मिलेगी।