मम्मी….मम्मी मैं एसडीएम बन गया….लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2017 का परिणाम घोषित होने के बाद टॉपर अमित शुक्ला ने सबसे पहला फोन अपनी मम्मी क्षमा शुक्ला को मिलाया और सिर्फ इतना ही बोले थे कि उनका गला भर आया… कड़ी मेहनत और दृढ़ इरादे से मिली सफलता की खुशी के आंसू आंखों से छलक पड़े। मां ने गर्व से बेटे को शांत कराया। बोलीं- रोते क्यों हो बेटे, यह तो तेरी मेहनत का फल है। पापा को भी फोनकर बता दो।
अमित को रिजल्ट की जानकारी तब मिली जब वह शांतिपुरम में एक निमंत्रण में शामिल होने के गए थे, हालांकि तब उन्हें यह नहीं पता था कि वह न केवल सफल हुए हैं बल्कि उन्होंने प्रदेश की इस सबसे बड़ी परीक्षा को टॉप भी किया है। थोड़ी देर बाद अमित ने पापा उमाकांत शुक्ला को फोनकर सफल होने की जानकारी दी, जो लाउदर रोड स्थित निजी पैथालॉजी में अपनी ड्यूटी पर थे। उमाकांत भी अपनी खुशी के आंसू को रोक नहीं सके। ड्यूटी से जल्दी घर गए और बेटे को गले लगाकर उसे बधाई दी। फिर क्या था अमित, उनके पापा दोनों के फोन की घंटी लगातार बजने लगी…बधाई देने वालों के फोन लगातार आ रहे थे। जिसने भी बधाई दी, उससे पिता-पुत्र और मां ने बस यही कहा कि यह सब आपके आशीवार्द का फल है।
सबको खिलाई वर देखुआ की लाई बर्फी
गोविंदपुर के भुलई का पूरा निवासी अमित शुक्ला के पास उनके यार-दोस्तों का फोन आने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। परिजनों के पास भी फोन आते रहे। अमित का छोटा भाई सुमित शुक्ला भी भाई के पीसीएस बनने गदगद है। दो दिन पहले अमित की शादी के लिए घर पर लोग आए हुए थे, जो अपने साथ काजू की बर्फी लाए हुए थे। रिजल्ट आने के बाद पिता ने वही बर्फी खिलाकर सबका मुंह मीठा कराया।
आईएएस बनाना चाहते हैं अमित
प्रयागराज। यूपी पीसीएस 2017 के टॉपर अमित शुक्ला आईएएस बनना चाहते हैं। हिन्दुस्तान से बातचीत में उन्होंने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य आईएएस बनना है। इसी को केंद्र में रखकर उन्होंने पीसीएस की तैयारी की है। बताया कि पीसीएस 2016 में उनका चयन सीटीओ के पद पर हुआ था लेकिन इस पद पर कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व वह पीसीएस 2017 के अंतिम परिणाम का इंतजार कर रहे थे। इसी कारण उन्होंने ज्वाइनिंग नहीं की।
सात लाख का पैकेज छोड़ की तैयारी
अमित पीसीएस के टॉपर यूं ही नहीं बन गए। उन्होंने इसकी तैयारी के लिए सात लाख वार्षिक के पैकेज वाली नौकरी छोड़ दी। उन्होंने हाई स्कूल और इंटर इलाहाबाद गंगा गुरुकुलम स्कूल से किया। उसके बाद मौलाना आजाद इंजीनियरिंग कॉलेज से मकैनिकल में बीटेक किया। वहीं से 2014 में हीरो मोटोक्वार्प में 7.20 लाख रुपये के वार्षिक पैकेज पर छह माह गुड़गांव में नौकरी की। लेकिन तैयारी में नौकरी आड़े आने लगी तो उन्होंने उसे छोड़ दिया और पीसीएस की तैयारी में जुट गए।
मां हैं पीएचसी में एएनए
अमित की मां क्षमा शुक्ला कुंडा के पास भदरी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम हैं। उनके पिता उमाकांत शुक्ला लाउदर रोड स्थित एक निजी पैथालॉजी में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं।
Input : Hindustan