छठ में बिहार आने वाले श्रद्धालु ट्रेनों में भीड़ के कारण टॉयलेट में बैठकर यात्रा करने को मजबूर हैं। भारी भीड़ के कारण जनरल क्लास और स्लीपर क्लास का अंतर मिट गया है। दिल्ली, मुंबई, सूरत, पंजाब से आने वाली ट्रेनों के जनरल और स्लीपर क्लास में पांव रखने तक की जगह बमुश्किल मिल रही है।

थ्री एसी में भी सीट से पांच से 10 गुना ज्यादा लोग यात्रा कर रहे हैं। जिन लोगों ने आरक्षण कराए हैं, उन्हें भी अपनी सीट लेने में नोकों चने चबाने पड़ रहे हैं। संपूर्ण क्रांति, मगध, श्रमजीवी, वैशाली एक्सप्रेस, विक्रमशिला, गरीब रथ, जनसाधारण में सैकड़ों लोग खड़े होकर 14-15 घंटे की यात्रा कर रहे हैं। कई लोग ग्रुप बनाकर टॉयलेट में भी कब्जा जमा ले रहे हैं। श्रमजीवी एक्सप्रेस की स्लीपर क्लास में टिकट कटाकर पटना आए राजगीर निवासी अशोक कुमार ने बताया कि पत्नी और दो बच्चों के साथ आने में नाकों चने चबाने पड़ गए। चार महीने पहले तीन सीटों के लिए रिजर्वेशन कराए थे। लेकिन चार लोग एक ही सीट पर बैठकर आए।

बताया कि ट्रेन में न तो टीटीई आ रहे हैं और न ही पुलिसकर्मी। दिल्ली स्टेशन पर टीटीई ट्रेन के बाहर से ही चेकिंग कर वसूली में लग जा रहे हैं। यात्री को सीट दिलाने के लिए उनके द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। संपूर्ण क्रांति में ड्यूटी कर रहे एक टीटीई ने बताया कि भारी भीड़ के कारण बोगी में जाते ही नहीं हैं। दूसरी बोगी में वर्दी खोलकर बैठना पड़ रहा है। वर्दी में रहने पर यात्री अपनी सीट के लिए हंगामा करते हैं और गाली-गलौज करते हैं।

Input : Hindustan

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