शहर से लेकर गांव तक जलस्तर के 36 फीट तक नीचे जाने से जिले में जल संकट काफी गहरा गया है। लाेग पानी को भटक रहे हैं। चापाकल ताे सूख चुके, माेटर भी पानी नहीं खींच पा रहे हैं। इस कारण एक-दूसरे से मदद की आस भी टूट गई है। शहरी क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों, सकरा, मुराैल आदि प्रखंडाें समेत बूढ़ी गंडक नदी के किनारे के माेहल्लाें में भी स्थिति काफी खराब है। लाेग कार्य-राेजगार छाेड़ कर दिनभर पानी का उपाय करने में जुटे रहते हैं।
इसके जिम्मेदार कही न कही हमलोग भी है, सरकार नई बनी है उम्मीद है नवनिर्वाचित सांसद पानी के किल्लत को लेकर कोई ठोस कदम उठाएंगे।