सोशल मीडिया पर हाल ही में वायरल हुई एक तस्वीर ने लोगों के बीच गहरी बहस छेड़ दी है। इस तस्वीर में दिखाया गया है कि एक सार्वजनिक यूरिनल को ‘रैंक-1 अधिकारियों’ के लिए रिजर्व किया गया है। मुजफ्फरपुर नाउ इस तस्वीर की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन इसे लेकर चल रही चर्चा ने प्रशासनिक भेदभाव के मुद्दे को एक बार फिर से उजागर कर दिया है।
Please read the poster carefully and ponder, is this the kind of India you had/have imagined?
Utter shame. pic.twitter.com/SgnovLoBN7— Mudit Gupta (@mudit_gupta25) July 22, 2024
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मुदित गुप्ता नाम के एक ‘X’ यूजर ने यह तस्वीर शेयर की है। तस्वीर में 5 यूरिनल नजर आ रहे हैं, जिनमें से शुरुआती 2 यूरिनल्स पर ‘रिजर्व्ड ओनली फॉर क्लास-1 ऑफिसर्स’ लिखा हुआ है। स्पष्ट है कि अन्य 3 यूरिनल्स आम जनता के लिए हैं।
गुप्ता के पोस्ट के अनुसार, यह तस्वीर 21 जुलाई 2024 की है और इसे शाम 4:21 बजे खींचा गया था। उन्होंने लिखा, ‘प्लीज पोस्ट को ध्यान से पढ़ें और सोचें कि क्या इसी तरह के भारत की आपने कल्पना की थी?’ इस पोस्ट को अब तक करीब 4 लाख व्यूज मिल चुके हैं और 5 हजार से ज्यादा यूजर्स इसे लाइक कर चुके हैं।
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं भी इस पोस्ट के साथ वायरल हो रही हैं। एक यूजर ने लिखा, ‘ब्रिटिशर्स सिर्फ भारत छोड़कर गए हैं, लेकिन एलीट मानसिकता अब भी भारत में बनी हुई है।’ एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘क्लास-1 अधिकारी खास होते हैं! वे साधारण पेशाब नहीं करते, वो UPSC क्वालिफाईड हैं।’ वहीं, एक यूजर ने तो यह भी कहा, ‘हो सकता है कि उन्हें डायबिटीज हो, तो वे आपको बचा रहे हैं।’
इस तस्वीर और उस पर हो रही बहस से स्पष्ट होता है कि समाज में वर्ग विभाजन और भेदभाव आज भी प्रचलित हैं। समानता और अधिकारों की बात करने वाले समाज में ऐसी घटनाएं हमारे लिए एक चेतावनी हैं कि अभी भी हमें बहुत कुछ सुधारना है।
मुजफ्फरपुर नाउ वायरल तस्वीर की पुष्टि नहीं करता है और यह स्पष्ट नहीं है कि फोटो किस राज्य या विभाग की है। इसके बावजूद, यह मुद्दा सोशल मीडिया पर चर्चाओं का विषय बना हुआ है और लोगों के बीच प्रशासनिक भेदभाव के खिलाफ एकजुटता पैदा कर रहा है।