पीके सिन्हा के पिता यूपीएसएसी के अधिकारी रहे थे. उनकी बहन रश्मि वर्मा और उनके पति नवीन वर्मा बिहार कैडर के आइएस अधिकारी रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने एक बार फिर बिहार से ताल्लुक रखने वाले आईएएस अफसर (IAS Officer) पर भरोसा जताया है. इस बार सेवानिवृत आइएएस अधिकारी (Retired IAS Officer) पीके सिन्हा (PK Sinha) को PMO (प्रधानमंत्री कार्यालय) में OSD (आफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) बनाया गया है. वो प्रधान सचिव (Principal Secretary) नृपेंद्र मिश्रा (Nripendra Mishra) की जगह लेंगे. बता दें कि 1977 बैच के आईएएस अधिकारी पीके सिन्हा देश के सबसे वरिष्ठ नौकरशाहों में से एक हैं. फिलहाल वो भारत सरकार के कैबिनेट सचिव की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.

रिटायरमेंट के बाद बनाए गए थे कैबिनेट सचिव
बता दें कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें 13 जून, 2015 को भारत सरकार में कैबिनेट सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी. इसके बाद उनके काम को देखते हुए उनका कार्यकाल एक वर्ष के लिए और बढ़ा दिया गया था. कैबिनेट सचिव के दौर पर उनका कार्यकाल 12 जून, 2018 को खत्म हो रहा था, लेकिन वर्ष 2019 तक के लिए उनका कार्यकाल दूसरी बार भी बढ़ा दिया गया था.

PK sinha

बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले हैं पीके सिन्हा
बिहार के औरंगाबाद जिले के मूल निवासी और यूपी कैडर के आइएस अधिकारी रहे पीके सिन्हा का जन्म 18 जुलाई, 1955 को हुआ. उनका पूरा नाम प्रदीप कुमार सिन्हा है, लेकिन आम तौर पर लोग उन्हें पीके नाम से जानते हैं. 64 साल के मृदु भाषी सिन्हा जहां भी रहे अपने कार्यों की छाप छोड़ी है.

सामाजिक सरोकारों से रहा है जुड़ाव

पीके सिन्हा ने अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की और सामाजिक विज्ञान में एमफिल किया. वो फ्रेंच भाषा की पढ़ाई भी कर चुके हैं. अपनी राष्ट्रीय छवि, कार्यक्षेत्र में सफलता, सामाजिक सरोकार, राज्य से जुड़ाव और देश में बड़ा प्रभाव बना कर इन्होंने बिहार का मान देश दुनिया में बढ़ाया है.

कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे पीके सिन्हा
वेब पोर्टल फेम इंडिया के अनुसार 1977 बैच के आइएएस अधिकारी सिन्हा पहले जहाजरानी मंत्रालय में सचिव भी रह चुके हैं. उत्तर प्रदेश काडर के आईएएस अधिकारी के तौर पर उन्होंने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया.

PK Sinha

वाराणसी के आयुक्त भी रह चुके हैं पीके सिन्हा
सिन्हा ने अपने करियर की शुरुआत इलाहाबाद में अस्टिटेंट कलेक्टर के रूप में की थी. 1991-92 में वो आगरा के जिलाधिकारी और 1994-95 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौजूदा संसदीय क्षेत्र और तीर्थ नगरी वाराणसी के आयुक्त भी रहे.

खेल मंत्रालय के पहले निदेशक बने थे
1990 के दशक के अंत में वो खेल मंत्रालय में पहले निदेशक और युवा मामलों के संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. 1992-94 के दौरान वो मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और 2003-04 में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे.

2004-12 तक यूपीए सरकार के कार्यकाल में वो ज्यादातर समय पेट्रोलियम मंत्रालय में थे. पेट्रोलियम मंत्रालय में रहते हुए उन्हें संयुक्त सचिव, अतिरिक्त सचिव और फिर विशेष सचिव भी बनाया गया था.

Input : News18

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