रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनता के नाम संदेश खत्म होते ही ट्वीट कर उनके संबोधन को बकवास बता दिया है। कुशवाहा ने कहा है कि रात में दीप और टॉर्च जलाने की बातें बकवास है। इससे कोरोना को क्या लेना देना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसकी जगह पर चिकित्सकों को सुविधा देने और देश में नए जांच केंद्र खोलने की बात करनी चाहिए थी। उन्हें अस्पतालों में इमरजेंसी सुविधाएं बढ़ाने पर भी ध्यान देना चाहिए। टॉर्च जलाने और दीप जलाने से ना तो लोगों में जागरूकता आएगी और ना ही कोरोना को भगाने का यह कोई तरीका है।

वहीं आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने पीएम मोदी के आज के भाषण को काफी निराशाजनक बताया और कहा कि पीएम मोदी को शब्दों का आडंबर रचने में महारथ हासिल है। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी के पास गरीबों के लिए कोई योजना नहीं है।

शिवानंद तिवारी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा,’ प्रधानमंत्री जी के भाषण ने बहुत निराश किया। इस भाषण में ठोस कुछ भी नहीं था। शब्दों का आडंबर रचने में हमारे प्रधानमंत्री जी को महारत हासिल है। आज के भाषण में प्रधानमंत्री जी ने उसी का प्रदर्शन किया। कहा जा सकता है कि देश ने आज प्रधानमंत्री जी का भाषण नहीं बल्कि उनका प्रलाप सुना। इस भाषण से स्पष्ट हो गया कि प्रधानमंत्री जी के पास इतनी बड़ी विपत्ति से लड़ने की न तो कोई दृष्टि है और न कोई योजना।’

पीएम मोदी की अपील

देशवासियों के लिए जारी वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा ‘इस रविवार यानी 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है। उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस पांच अप्रैल को हमें 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। 130 करोड़ लोगों के महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। 5 अप्रैल को रात नौ बजे आप सबके नौ मिनट चाहता हूं। पांच अप्रैल को रविवार को रात नौ बजे, घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे या बालकनी में खड़े रहकर नौ मिनट तक मोमबत्ती, दीया या टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। उन्होंने आगे कहा कि और उस समय यदि घर की सभी लाइटें बंद करेंगे तो चारो तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा तब प्रकाश की उस महाशक्ति का ऐहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, ये उजागर होगा।’

Input : Hindustan

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