संतूर वादक और भारतीय संगीतकार पंडित शिव कुमार शर्मा का आज मुंबई में निधन हो गया. वह 84 साल के थे. वह पिछले 6 महीने से किडनी संबंधित बीमारियों से जूझ रहे थे और डायलिसिस पर उनका ट्रीटमेंट चल रहा था. उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ. भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में पंडित शिव कुमार शर्मा का अहम योगदान रहा है. उन्होंने फिल्म चांदनी का सुपरहिट गाने ‘मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियां’ का म्यूजिक दिया था. यह गाना उन्होंने हरि प्रसाद चौरसिया के साख मिलकर कंपोज किया था.
शिव कुमार शर्मा ने संतूर को एक शास्त्रीय दर्जा दिया और इसे अन्य पारंपरिक और प्रसिद्ध वाद्ययंत्रों जैसे सितार और सरोद के साथ ख्याति दिलवाई. संतूर किसी दौर में जम्मू-कश्मीर का एक अनजान वाद्ययंत्र था. शिव-हरि की जोड़ी के तौर पर उन्होंने ‘सिलसिला’, ‘लम्हे’ और ‘चांदनी’ जैसी फिल्मों के लिए बांसुरी के दिग्गज पंडित हरि प्रसाद चौरसिया के साथ म्यूजिक कंपोज किए.
पंडित शिव कुमार शर्मा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “पंडित शिवकुमार शर्मा जी के निधन से हमारी सांस्कृतिक दुनिया को क्षति पहुंची है. उन्होंने संतूर को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया. उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करता रहेगा. मुझे उनके साथ अपनी बातचीत अच्छी तरह याद है. उनके परिवार और चाहने वालों के प्रति संवेदनाएं. ओम शांति.”
शांताराम की ‘झनक झनक बाजे पायल’ से शुरुआत
पंडित शिव कुमार शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1938 को जम्मू में हुआ था. उन्हें हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में संतूर को एक पहचान देने का श्रेय दिया जाता है. इसे अलग-अलग ऊंचाइयों पर ले जाने के बाद, उन्होंने बॉलीवुड के लिए संगीत भी तैयार किया, जिसकी शुरुआत शांताराम की ‘झनक झनक बाजे पायल’ के बैकग्राउंड स्कोर से हुई.
पद्म श्री और पद्म विभूषण से भी हो चुके हैं सम्मानित
पंडित शिव कुमार शर्मा ने साल 1960 में अपना पहला सोलो सॉन्ग रिकॉर्ड किया और बांसुरीवादक पंडित हरि प्रसाद चौरसिया और गिटारवादक बृज भूषण काबरा के साथ शानदार संगीत तैयार किया. उन्हें साल 1986 में प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और 1991 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. उन्हें साल 2001 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था.
Source : News18