नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA 2019) को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल कैंपन लॉन्च किया है. उन्होंने लोगों से अपील कि है कि वो नमो एप के जरिये इस कानून का समर्थन करें. पीएम ने दोहराया है कि CAA 2019 शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून है, वापस लेने का नहीं.

पीएम मोदी ने #IndiaSupportsCAA ट्वीट करते हुए लिखा है,  ‘सीएए प्रताड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देता है. ये किसी की नागरिकता छीनता नहीं है. नमो ऐप के वॉलिंटियर मॉड्यूल के वाइस सेक्शन में आप कंटेंट, ग्रॉफिक्स और वीडियो देखने के लिए इस हैशटैग को देखें. इस हैशटैग के जरिये सीएए के पक्ष में अपना समर्थन दें’

सदगुरु का वीडियो
पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर आध्यात्मिक गुरु सदगुरु का एक वीडियो भी शेयर किया है. इस वीडियो में सदगुरु ने CAA का समर्थन किया है. पीएम के मुताबिक सदगुरु ने ऐतिहासिक संदर्भ का जिक्र करते हुए बड़े ही अच्छे तरीके से CAA की जरूरत को समझाया है.

विपक्ष पर लगाया था आरोप
पिछले दिनों पीएम मोदी ने रामलीला मैदान में अपने संबोधन में कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 पास होने के बाद कुछ राजनीतिक दल तरह-तरह की अफवाहें फैलाने में लगे हैं. वे लोगों को भ्रमित कर रहे हैं और भावनाओं को भड़का रहे हैं. उन्होंने कहा था, ‘कुछ लोग CAA को गरीबों के खिलाफ बता रहे हैं. वे कह रहे हैं कि जो लोग आएंगे वो यहां के गरीबों का हक छीन लेंगे. अरे झूठ फैलाने से पहले गरीबों पर तो दया करो भाई. पाकिस्तान से जो शरणार्थी आए हैं, उनमें से अधिकतर दलित परिवार से हैं.’

CAA के खिलाफ प्रदर्शन
बता दें कि CAA को लेकर देशभर में कई पार्टियां विरोध कर रही हैंं. कई जगह इसको लेकर हिंसक प्रदर्शन भी हुए हैं. अब तक हिंसक प्रदर्शन से देश भर में 19 लोगों की मौत हो गई है.

CAA के समर्थन में न्यूयॉर्क में कार्यक्रम
अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों ने संशोधित नागरिकता कानून 2019 (CAA 2019) के प्रति समर्थन जताने के लिए अलग-अलग स्थानों पर कार्यक्रम किए. उन्‍होंने सीएए को भारत सरकार की तरफ से उठाया गया ऐतिहासिक कदम करार दिया. भारतीय-अमेरिकियों का एक समूह रविवार को टाइम्स स्कॉयर पर जुटा. उनके हाथ में पोस्टर थे और वे सीएए व पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के समर्थन में नारे लगा रहे थे.

क्या कहता है संशोधित कानून?
संशोधित नागरिकता कानून के अनुसार 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी व ईसाई समुदाय के सदस्यों को अवैध शरणार्थी नही माना जाएगा. उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 दिसंंबर 2019 की रात नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को अपनी सहमति दी. इसके साथ ही ये विधेयक कानून बन गया.

Input : News18

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