पीके मिश्र और पीके सिन्हा को क्रमश: प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव और प्रधान सलाहकार नियुक्त किए जाने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इन दोनों अधिकारियों के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के कार्य क्षेत्रों का निर्धारण कर दिया है। मिश्र और डोभाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है।
पीएमओ की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक प्रधान सचिव पीके मिश्र नीतिगत मुद्दों और कार्मिक एवं कानून मंत्रालयों के अलावा कैबिनेट की नियुक्ति समिति व अन्य नियुक्तियों से जुड़े मामले देखेंगे।
आदेश के अनुसार वह कैबिनेट सचिवालय से संबंधित मुद्दे, कैबिनेट की बैठक के लिए विषयों की सूची, भ्रष्टाचार रोधी इकाई, पीएमओ के स्थापन और सभी महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दे और मामले भी देखेंगे।
एनएसए डोभाल नियुक्तियों को छोड़कर राष्ट्रीय सुरक्षा और नीतिगत मामलों से जुड़े सभी मामले देखेंगे। वह विदेश मंत्रालय, प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा मंत्रालयों के साथ ही देश की बाह्य खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से जुड़े मामले भी देखेंगे।
अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और राष्ट्रीय रासायनिक हथियार अधिकरण से जुड़ी नीतियों और मामलों के भी प्रभारी होंगे। इसके अलावा उन्हें नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड के अलगाववादियों से बातचीत करने की जिम्मेदार भी दी गई है।
पीएमओ से 13 सितंबर को जारी आदेश के मुताबिक प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार पीके सिन्हा प्रधान सचिव और एनएसए को विशेष रूप से आवंटित किए गए मंत्रालयों, विभागों और कार्यो को छोड़कर सभी मंत्रालयों, विभागों, एजेंसियों, निकायों से जुड़े नीतिगत मुद्दों और मामलों को देखेंगे।
पीके मिश्र प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव थे। उन्हें पिछले हफ्ते ही नृपेंद्र मिश्र के पद छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था। पूर्व कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार बनाए जाने से पहले पीएमओ में ओएसडी थे।
Input : Dainik Jagran