राज्य में तेजी से बढ़ते साइबर अपराध के मामलों पर नकेल कसने के लिए अब थानों को भी मोबाइल सिम ब्लॉक करने का अधिकार सौंपा जा रहा है। अगर किसी मोबाइल का उपयोग किसी साइबर अपराध में, फ्रॉड में या अन्य अपराध में हुआ है, तो इन्हें सीधे थाना स्तर से ही ब्लॉक कराया जाएगा। राज्य के सभी 1100 सामान्य के अलावा 44 साइबर थानों को जल्द ही यह अधिकार मिलने जा रहा है। इसके बाद कोई भी थाना केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय की अधिकृत वेबसाइट ‘संचार साथी’ के पोर्टल पर लॉग-इन करके संदिग्ध मोबाइल नंबर की पूरी जानकारी अपलोड कर देंगे तथा यह ब्लॉक हो जाएगा। इसके लिए इस वेबसाइट का लॉग-इन एवं पासवर्ड सभी थानों को मुहैया कराया जाएगा। थानों को यह अधिकार मिलने से ठगी में उपयोग होने वाले मोबाइल नंबरों को तुरंत ब्लॉक कराने में सहायता मिलेगी। ठगी के नेटवर्क पर नकेल कसने में तेजी आएगी। अभी ऐसे नंबरों को ब्लॉक करने के लिए ईओयू के माध्यम से केंद्रीय मंत्रालय को भेजा जाता था। इस प्रक्रिया में अधिक समय लगने साइबर अपराधियों को फायदा मिल जाता है।

सोशल मीडिया कंपनियों की नहीं चलेगी मनमानी कई साइबर व सोशल मीडिया से जुड़े अपराधिक मामलों में सभी सोशल मीडिया साइट्स जांच एजेंसियों के साथ जानकारी साझा करने में मनमानी करते हैं। ईओयू से भी साइबर मामलों की जांच में ऐसे दर्जनों मेल इन सोशल साइट्स कंपनियों को गये हैं, लेकिन समुचित जानकारी नहीं मिली। अब देश में डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक, 2022 के लागू होने के बाद सोशल मीडिया कंपनियों को सरकार से हर जानकारी साझा करने की अनिवार्यता हो गयी है।

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म्यूच्युअल लीगल एस्सिटेंट ट्रिटी नाम का विशेष पोर्टल तैयार किया गया है। इस पर ईओयू समेत कोई भी जांच एजेंसी जिस सोशल साइट कंपनी से जो जानकारी चाहिए या किसी सोशल एकाउंट के खिलाफ जो भी कार्रवाई करनी है, उसका पूरा विवरण अपलोड करेंगी। ये जानकारी सीबीआई के माध्यम से इंटरपोल के पास भेजी जाएगी। वहां से संबंधित सोशल साइट कंपनी के मुख्यालय को भेजी जाएगी। इससे बेहद कम समय में वांछित जानकारी मिल जाएगी। अगर कोई सोशल एकाउंट हैक हो गया है, तो उसे भी आसानी से मुक्त कराया जा सकेगा।

साइबर मामलों की जांच में दोनों नए प्रावधान के लागू होने से तफ्तीश में काफी सहूलियत होगी। थानों को सिम ब्लॉक करने का अधिकार देने से साइबर नेटवर्क पर तुरंत नकेल कस कार्रवाई करने में आसानी होगी। इसके अलावा सोशल साइट कंपनियों से जानकारी लेने में समस्या नहीं आएगी। -एमएस ढिल्लन (डीआईजी, ईओयू)

Source : Hindustan

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