चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की है और उनके साथ काम करने के लिए राजी हो गए हैं. यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से दी है। बताया जा रहा है कि बीजेपी, जदयू और वाईएसआर कांग्रेस के लिए रणनीति बना चुके प्रशांत किशोर एक महीने बाद आधिकारिक तौर पर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के लिए काम करना शुरू कर देंगे।
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के उपाध्यक्ष भी हैं। लोकसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने जदयू के लिए काम किया और बीजेपी के साथ गठबंधन में 16 सीटें जिताने में मदद की।
Sources: Political Strategist Prashant Kishor to officially start working with West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee after one month https://t.co/gcV1EjK3z1
— ANI (@ANI) June 6, 2019
प्रशांत किशोर हाल में सबसे ज्यादा चर्चा में तब रहे, जब उन्होंने आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी की पार्टी के लिए काम किया और उन्हें सत्ता दिलाई। आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जीत दिलाने के पीछे प्रशांत किशोर का ही दिमाग था। क्योंकि इस चुनाव में जगन मोहनरेड्डी की पार्टी के साथ प्रशांत किशोर की टीम जुड़ी थी।
ममता बनर्जी के साथ प्रशांत किशोर के जुड़ने का राजनीतिक महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि प्रशांत किशोर की चुनावी रणनीति की बदौलत ममता बनर्जी एक बार फिर से अपनी जमीन मजबूत करने की कोशिश में हैं, जिसे बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में हिला दिया। यही वजह है कि 2021 विधानसभा चुनाव को देखते हुए ममता बनर्जी प्रशांत किशोर को अपने साथ कर सकती हैं।
प्रशांत किशोर की चुनावी रणनीति भी एक फैक्टर है, जिसकी वजह से आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू को कुर्सी गंवानी पड़ी है। प्रशांत किशोर की चुनावी रणऩीति की वजह से जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश की सभी 25 सीटें जीतीं और विधानसभा में 175 में से 150 सीटों पर कब्जा जमाया। जिसके बाद जगनमोहन रेड्डी सूबे के मुख्यमंत्री बने।
Input : Hindustan