बिहार में बदहाल शिक्षा व्यवस्था और बीपीएससी पीटी परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने गुरुवार शाम गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति के पास आमरण अनशन शुरू कर दिया। प्रशांत किशोर अपने संगठन के युवाओं के साथ शाम 5 बजे अनशन पर बैठे। प्रशासन से अनुमति न मिलने के बावजूद अनशन शुरू करने पर डीएम के आदेश पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

पहले भी दर्ज हुआ था मामला:
इससे पहले गांधी मैदान में आयोजित छात्र संसद और मार्च को लेकर भी प्रशासन ने प्रशांत किशोर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

सरकार पर आरोप:
प्रशांत किशोर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि परीक्षा में हो रही धांधली और हंगामे के बावजूद इसे रद्द नहीं किया जा रहा है। इसके विपरीत, आंदोलनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “बिहार की हर परीक्षा विवादों में घिरी रहती है, और सरकार इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। यह राज्य के युवाओं के साथ अन्याय है।”

उन्होंने यह भी घोषणा की कि जब तक परीक्षा रद्द नहीं की जाती, उनका आमरण अनशन जारी रहेगा।

युवाओं का समर्थन:
अनशन के दौरान बड़ी संख्या में बीपीएससी अभ्यर्थी और अन्य छात्र गांधी मूर्ति के पास जुटने लगे। देर शाम तक युवाओं की भीड़ बढ़ती गई, जिसमें गर्दनीबाग धरना स्थल से आए छात्र भी शामिल थे। ठंड के बावजूद छात्रों का जोश देखने लायक था। प्रदर्शनकारियों ने सरकार और बीपीएससी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

प्रशासन का रुख:
गांधी मैदान में अनधिकृत स्थल पर आमरण अनशन को जिला प्रशासन ने गैरकानूनी करार दिया। प्रशासन ने प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए नोटिस जारी किया। साथ ही, अनशन को गर्दनीबाग धरना स्थल पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया।

जिला प्रशासन का कहना है कि पटना उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, पिछले सात वर्षों से सभी धरना-प्रदर्शन गर्दनीबाग में आयोजित किए जाते हैं। यदि निर्धारित स्थल पर कार्यक्रम नहीं किया गया, तो कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गांधी मैदान में भारी सुरक्षा तैनात:
बढ़ती भीड़ को देखते हुए गांधी मैदान के आसपास पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। प्रशासन की सख्ती के बावजूद छात्रों का जोश और समर्थन प्रशांत किशोर के अनशन को मजबूती दे रहा है।

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