जेडीयू में शुरू हुए कलह के बीच चुनावी रणनीतिकार से नए नए नेता बने प्रशांत किशोर ने महागठबंधन के अस्तित्व को लेकर बड़ी भविष्यवाणी कर दी है। प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि सात दलों का ये महागठबंधन आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले खंड-खंड हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सात दलों का महागठबंधन चलना पूरी तरह से नामुमकिन है। तीन महीनों के अंदर ही खींचतान शुरू हो चुकी है। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार ने गलत रास्ता चुन लिया है और अगर कोई गलत रास्ता चुनता है तो उसका खामियाजा उसे भुगतना ही होगा।
बता दें कि प्रशांत किशोर जन सुराज यात्रा के दौरान सीवान के विभिन्न पंचायतों का दौरा कर रहे हैं। साथ ही वो जनता को सरकार की कमियों के बारे में बता रहे हैं। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आने वाले चुनाव से पहले महागठबंधन खंड-खंड हो जाएगा। क्योंकि आज भले सात दलों का महागठबंधन है लेकिन आने वाले चुनाव तक ये सातों दल एक साथ नहीं रह पाएंगे। इस दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्होंने खुद कई गठबंधन कराए हैं और उसे सामने से देखा है।
साल 2015 की बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश और तेजस्वी ने नहीं बल्कि खुद मैंने महागठबंधन बनाया था। सात दलों के महागठबंधन को एक साथ लेकर चलना नामुमकिन है। तीन महीने के भीतर ही खींचतान शुरू हो गई, उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू छोड़ कर अलग पार्टी बना ली। सत्तापक्ष के दोनों प्रमुख दलों के बीच विवाद हो रहे हैं।
वहीं पटना में आयोजित किसान समागम में नीतीश को तेजस्वी द्वारा इंतजार करवाने के सवाल पर प्रशांत किशोर ने साफ कहा कि नीतीश कुमार ने खुद से गलत रास्ता चुना है। गलत रास्ता चुनने का खामियाजा तो उसे ही भुगतना होगा।
इस दौरान प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद उन्होंने नीतीश कुमार से कहा था कि जनता ने आप पर विश्वास नहीं जताया है तो सीएम मत बनिए। लेकिन सिर्फ 43 विधायक होने के बाद भी वो सीएम बन गए। तब कह रहे थे कि बीजेपी पार्टी तोड़ रही थी,फिर कहेंगे कि राजद पार्टी तोड़ रही है।