प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को उत्तराखंड की दो दिवसीय यात्रा पर केदारनाथ पहुंचे। उन्होंने करीब आधे घंटे पूजा-अर्चना की। इसके बाद मोदी 2 किमी तक चढ़ाई कर एक गुफा में पहुंचे। प्रधानमंत्री कल सुबह तक वहीं ध्यान लगाएंगे। कुछ शुरुआती तस्वीरों के बाद अब यहां मीडिया पर पाबंदी लगा दी गई है। मोदी रविवार को बद्रीनाथ के दर्शन करेंगे।

मुख्यधारा की राजनीति में आने के पहले मोदी ने 5 साल एक वैरागी के रूप में बिताए थे। 1985 से 1990 के बीच मोदी ने केदारनाथ के गरुड़चट्टी में साधना की थी।

मोदी के दौरे पर आयोग को आपत्ति नहीं

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने उत्तराखंड दौरे की जानकारी चुनाव आयोग को भी दी थी। आयोग ने कहा कि मोदी की इस यात्रा से हमें कोई परेशानी नहीं है। आयोग के अफसर के मुताबिक, ‘‘प्रधानमंत्री की यह आधिकारिक यात्रा है, तो यह की जा सकती है। हमने पीएमओ को याद दिलाया है कि आचार संहिता अभी भी लागू है।’’

पुलिसकर्मी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करें: डीजीपी

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने मोदी की दो दिवसीय यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान मोबाइल फोन से दूरी बनाए रखने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा है कि जवान बिना बताए ड्यूटीस्थल न छोड़ें। ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

9 मई को खुले थे केदारनाथ के कपाट 

इस बार 9 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए थे। यहां एक साथ छह हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था की गई है। यात्रा मार्ग में 300 से ज्यादा टेंट लगाए गए हैं। बद्रीनाथ के कपाट 10 मई को खोले गए थे।

मोदी की केदारनाथ की चौथी यात्रा

यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी केदारनाथ में ही रात्रि विश्राम करेंगे। लिहाजा सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा गया है। मोदी पिछले साल नवंबर में भी केदारनाथ पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जवानों के साथ दिवाली भी मनाई थी। 2017 में भी दो बार (मई और अक्टूबर) वे केदारनाथ पहुंचे थे।

Input : Dainik Bhaskar

 

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