बिहार में 8 जून को राज्य के सभी निजी क्लीनिक अस्पताल बंद रहेंगे. इंडियन मेडिकल एशोसिएशन की बिहार ईकाई ने ये फैसला लिया है. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से की जा रही कार्रवाई से नाराज होकर आईएमए ने ये फैसला लिया है. आईएमए का आरोप है कि पॉल्यूशन कंट्रोल के नाम पर पीसीबी बिहार ने राज्य के कई निजी क्लीनिकों पर ताला जड दिया है. जो डॉक्टरों को परेशान करने की मनसा है.
पॉल्यूशन कंट्रोल के नाम पर चल रही कार्रवाई को लेकर बिहार आईएमए और पीसीबी बिहार आमने सामने आ गये हैं. दरअसल मामला मेडिकल कचरे के ठीक तरीके से निष्पादन का है. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने मेडिकल कचरे का निष्पादन ठीक तरीके से नहीं करने को लेकर बिहार के लगभग एक हजार निजी क्लीनिक अस्पताल को शो काउज नोटिस जारी कर दिया है. साथ ही 25 से ज्यादा निजी क्लीनिक पर ताला लगा दिया गया है.
दरअसल, पीसीबी ने अस्पतालों और निजी क्लीनिकों में ईटीपी और एसटीपी नहीं होने पर आपत्ति जतायी थी. तय समय सीमा में ईटीपी एसटीपी नहीं लगाये जाने पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कार्रवाई शुरु कर दी. आईएमए ने इसपर खुलकर नाराजगी जाहिर कर दी है.
आईएमए के वरीय उपाध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने कहा है कि बिहार आईएमए ने पीसीबी को इस संदर्भ में पत्र लिखा गया है. पत्र में बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट कानून 2016 और 2018 का जिक्र करते हुए कार्रवाई से पहले जागरुकता अभियान चलाने की बात कही गयी थी. लेकिन पीसीबी की ओर से ऐसा कुछ नहीं किया गया.
आईएमए की ओर से पीसीबी से छोटी चिकित्सीय ईकाईयों द्वारा लिक्विड पॉल्यूशन के संबंध में वैज्ञानिक संसोधन का डाटा मांगा गया था. लेकिन बोर्ड के पास इस संदर्भ में कोई जानकारी नहीं हैं. निजी क्लीनिकों पर कार्रवाई की जा रही है जबकि सरकारी संस्थानों में अबतक ईटीपी और एसटीपी नहीं लगाया गया है. इसके साथ ही पीसीबी की ओर से नगर निगम द्वारा व्यवसायिक होने का प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है जो कतई सही नहीं है.
आईएमए अध्यक्ष डा सहजानंद ने कहा है कि हम हर नियम का पालन करने के लिए तैयार हैं. लेकिन पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड हमसे मामले पर बात करे. बिना वजह डॉक्टर को परेशान न किया जाय. आठ जून को हमारा स्ट्राइक सांकेतिक है. निजी अस्पताल क्लीनिक इस दिन बंद रहेंगे. लेकिन इमरजेंसी सेवा बाधित नहीं की जाएगी.
Input : Zee News