बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने सोमवार की देर रात सचिवालय सहायक सहित अन्य पदों के लिए 23 दिसंबर को हुई तृतीय स्नातक स्तरीय प्रारंभिक परीक्षा की पहली पाली की परीक्षा को रद्द कर दिया है। पहली पाली के प्रश्न पत्र लीक होने को लेकर आयोग ने यह कदम उठाया है। हालांकि शेष पालियों की परीक्षा को रद्द नहीं किया गया है। यह जानकारी आयोग के सचिव सुनील कुमार ने दी। साथ ही बताया कि पहली पाली की रद्द परीक्षा 45 दिनों के अंदर ली जाएगी। पहली पाली में करीब तीन लाख छात्र परीक्षार्थी शामिल हुए थे।

सोमवार को दिन में ईओयू के पेपर लीक पर खुलासे के बाद आयोग ने परीक्षा रद्द करने का एलान कर दिया। बता दें कि प्रारंभिक परीक्षा का पेपर परीक्षा के दौरान ही वायरल हो गया था। उसी दिन आयोग ने पूरे मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को सौंप दी थी। आर्थिक अपराध इकाई ने इसकी प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सुपौल से इस मामले के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया। कहां से पेपर लीक हुआ, इसका भी खुलासा कर दिया। प्रश्न पत्र लीक होने के बाद इसे रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों द्वारा भी लगातार प्रदर्शन किया जा रहा था। आयोग ने अपने आदेश में बताया है कि तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त (प्रारम्भिक) प्रतियोगिता परीक्षा 23 दिसंबर को दो चरणों और24 दिसंबर को एक चरण में राज्य के 38 जिलों के 528 परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित की गयी। जांच में पाया गया कि 23 दिसंबर को प्रथम चरण की परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्रों के कुछ पन्ने व्हाट्सएप पर प्रसारित हुए, जिनका मिलान करने पर पाया गया कि यह प्रश्न प्रथम पाली की परीक्षा से संबंधित हैं। उस केन्द्र के संबंध में भी पता चला जहां से प्रश्न पत्र के पन्ने बाहर आये थे।

● 23 दिसंबर पहली पाली की परीक्षा शुरू होने के करीब एक घंटे बाद पेपर वायरल होने लगे, आयोग ने देर शाम ईओयू को सौंपी जांच।

● 24 दिसंबर जांच एजेंसी ने पेपर लीक के सरगना और उसके भाई समेत कई आरोपियों को उठाया।

● 26 दिसंबर ईओयू ने दिन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पेपर लीक व अबतक की जांच का खुलासा किया, रात में बीएसएससी ने रद्द कर दी परीक्षा।

ईओयू ने कहा, अबतक चार आरोपी गिरफ्त में

आयोग के परीक्षा रद्द करने के फैसले से कुछ घंटे पहले ईओयू के एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लीक की जानकारी दी। कहा कि मामले में अब तक चार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें मोतिहारी के शांति निकेतन जुबली स्कूल परीक्षा केंद्र से पेपर लीक करने के मुख्य आरोपी अजय कुमार और उसके भाई विजय कुमार भी शामिल हैं। विजय ने प्रश्न-पत्र हल करने के लिए जिन चार सॉल्वर को इसे भेजा था, उसमें एक की गिरफ्तारी हो चुकी है। जल्द सभी सॉल्वर गिरफ्तार हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि मामला नकल कराने का एक सीमित प्रयास मात्र था, जिसे अजय और विजय ने मिलकर प्लान किया था। अब तक की जांच में इसमें किसी रैकेट के शामिल होने की बात सामने नहीं आयी है। वैसे, जांच के बाद पूरी स्थिति स्पष्ट होगी।

नई कोडिंग व्यवस्था से दो दिन में पकड़े गए आरोपी

ईओयू ने कहा कि छानबीन में तेजी में सबसे सहायक प्रश्न-पत्रों पर किया हुआ हाईटेक कोडिंग सिस्टम है। इस नई कोडिंग व्यवस्था के कारण प्रश्न-पत्र वायरल होने के साथ ही यह पता चल गया कि इसका वितरण किस केंद्र के किस कमरे में किया गया था।

Source : Hindustan

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