मुजफ्फरपुर उत्तर बिहार का सबसे विकसित जिला है, बिहार में विकास की अगर बात हो तो पटना के बाद लोग जिस शहर को जानते है वो है मुजफ्फरपुर, इस शहर को शहर बनाने में बहुत लोगों ने पसीना बहाया है और उन्हीं में से एक थे- कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री रघुनाथ पांडेय.
रघुनाथ पांडेय के नाम से शहर का हर जन वाकिफ़ है. जिन्होंने उन्हें देखा है वो कहते है कि रघुनाथ बाबू सही मायनों में विकाश पुरुष थे, और जिस विकसित मुजफ्फरपुर में हम जी रहे है उसके नीव में एक मजबूत पत्थर रघुनाथ पाण्डेय ने रखा है, मुजफ्फरपुर का श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल उन्ही के मेहनत का परिणाम है, शहर में उन्होंने अनेकों विकाश के कार्य कराए लेकिन उन्हें शिलापट्ट पर अपना नाम लिखवाना नही पसंद था, रघुनाथ पांडेय ने कई राजनीतिक पदों को भी सुशोभित किया, वो शहर के विधायक और मेयर भी रहे.
मुजफ्फरपुर नगर निगम का अगर इतिहास लिखा जाये तो उसमें एक सुनहरा पन्ना, रघुनाथ पांडेय के नाम का भी होगा. मुजफ्फरपुर में आधुनिक राजीनीति के वक़्त अगर कांग्रेस पार्टी की मजबूत नीव रखी गयी तो उसमें भी रघुनाथ पांडेय का ही योगदान था, कांग्रेस के पुराने नेताओं में श्री पांडेय की जबरदस्त पैठ थी और मंत्रिमंडल के कई मंत्री भी रघुनाथ बाबू के मुरीद थे..
राजनीति के इतर भी रघुनाथ पांडेय ने व्यवसाय के फील्ड में मुजफ्फरपुर में एक से एक काम किये, आज उनके नाम के होमियोपैथी मेडिकल कॉलेज, लॉ कॉलेज , मैनेजमेंट कॉलेज और किड्स स्कूल शहर में मौजूद है जो शहर के छात्रों को मुजफ्फरपुर में रहते हुए भी उच्चतर शिक्षा दे रहा है.
रघुनाथ पांडेय का मानना था कि एक पढा लिखा समाज ही समृद्ध शहर का निर्माण कर सकता है, और सही मायने में श्री पांडेय आधुनिक मुजफ्फरपुर के निर्माता थे.
रघुनाथ पांडेय के जानने वाले लोगो मे तो यू बहुत सारे लोग थे लेकिन भाजपा के नेता अरुण जेटली से उनके काफ़ी मधुर संबंध थे अरुण जेटली को जब भी मुजफ्फरपुर आना हुआ उन्होंने रघुनाथ बाबू को जरूर याद किया,
श्री पांडेय के सवर्गवाश के बाद उनके कामों को आगे बढ़ाया उनके बेटे अमर पांडेय ने , अमर का नाम बिहार के सफल उद्योगपति में आता है, अमर पांडेय ने अपने पिता के सपनों को नई ऊंचाई दी और मुजफ्फरपुर में व्यापार के दृष्टिकोण से बहुत कुछ किया, अमर टॉकीज मुजफ्फरपुर का सबसे प्रशिद्ध सिनेमाघर भी उनका ही है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट के फील्ड में अमर ज्योति बस सर्विस से तो आप परिचित होंगे ही.
रघुनाथ पांडेय को हम शाहरवाशी नमन करते है और रघुनाथ बाबू सदैव मुजफ्फएपुर के लोगो के हृदय में अमर है.
ये मुजफ्फरपुर की कहानी का भाग – 6 था, ऐसा बहुत कुछ है मुजफ्फरपुर में जो आपको जानना जरूरी है ताकि आप छाती ठोक कर कह सके कि, जी हाँ मैं मुजफ्फरपुर से हूं..जल्दी आपके सामने भाग 7 आएगा तबतक जुड़े रहे.