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पीएम मोदी की सबसे ताकतवर टीम के लीडर बनने वाले हैं ये कड़क ऑफिसर, जानिए कौन हैं राजीव गौबा?
राजीव गौबा बिहार और झारखंड की सरकारों में अहम पदों पर रहने के अलावा जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में कई माओवादी विद्रोहों को उखाड़ फेंकने के ऑपरेशन में अहम भूमिका निभा चुके हैं.
नरेंद्र मोदी पिछली बार की तुलना में ज्यादा जनादेश और ज्यादा उम्मीदों के साथ प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाल चुके हैं. इस क्रम में उन्होंने सबसे पहले अपनी कैबिनेट संबंधी कामों का निपटारा किया और अब बारी है उनकी अपनी टीम की, जो उनके साथ प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में काम करती है.
इस क्रम में देश की ब्यूरोक्रेसी की सबसे बड़ी पोस्ट कैबिनेट सचिव पर काम कर रहे पीके सिन्हा का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है. अब चर्चा है कि इस पद पर इस ताकतवर टीम के लीडर पद पर राजीव गौबा के आसीन होने के सबसे ज्यादा आसार हैं.
1982 बैच के आईएस अधिकारी है राजीव गौबा
वर्तमान केंद्रीय गृह सचिव व 1982 बैच के झारखंड कैडर के आईएस ऑफिसर राजीव गौबा के अलावा इस सूची में जम्मू-कश्मीर चीफ सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रमण्यम का नाम भी चल रहा है. सुब्रमण्यम 1987 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईएस ऑफिसर हैं. लेकिन पीएमओ के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, राजीव गौबा का नाम करीब-करीब तय हो चुका है.
दो साल का होगा कार्यकाल
अगर राजीव गौबा कैबिनेट सचिव बनते हैं, तो उनका कार्यकाल दो सालों का होगा. लेकिन इसके बाद उनके कार्यकाल को दो और साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. इससे पहले पीके सिन्हा को साल 2015 में कैबिनेट सचिव चुना गया था, उनका कार्यकाल 2017 में पूरा हो गया था. लेकिन उनके कार्यकाल को 2018 तक बढ़ाया गया था. इससे भी पहले अजीत कुमार सेठ और केएम चंद्रशेखर ने इस पद पर चार-चार साल तक रहे हैं. ऐसे में राजवी गौबा को लेकर भी यही माना जा रहा है कि अगर वे इस पर नियुक्त हुए, तो पीएम मोदी की खास टीम में आगामी चार सालों तक बरकरार रहेंगे.
बिहार-झारखंड से स्पेशल ड्यूटी के लिए केंद्र बुलाए गए थे राजीव
राजीव गौबा आगामी 31 अगस्त को केंद्र सरकार में केंद्रीय गृह सचिव पद पर दो साल का कार्यकाल पूरा करेंगे.’फाइनेंशियल टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, गृह सचिव की जिम्मेदारी के लिए उन्हें स्पेशल ड्यूटी पर बुलाया गया था. असल में 2017 में राजीव महर्षि का कार्यकाल पूरा हो गया था. तब भारतीय सरकार को एक ऐसे अफसर की जरूरत थी, जो इस पद को संभाल सके तब राजवी गौबा को बिहार-झारखंड से स्पेशल ड्यूटी पर बुलाया गया.
जम्मू-कश्मीर से लेकर नॉर्थ ईस्ट आतंकियों को चटा चुके हैं धूल
राजीव गौबा बिहार और झारखंड की सरकारों में अहम पदों पर रहने के अलावा जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में कई माओवादी विद्रोहों को उखाड़ फेंकने के ऑपरेशन में अहम भूमिका निभा चुके हैं. इतना ही नहीं वे केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय, पर्यावरण व वन मंत्रालय के साथ इलेक्ट्रॉनिक व इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में काम कर चुके हैं.
15 अगस्त को हुआ था राजीव का जन्म
राजीव गौबा का जन्म 15 अगस्त 1959 यानी देश की आजादी के दिन हुआ था. उनकी पढ़ाई-लिखाई बिहार की राजधानी पटना से हुई है. वे पटना विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन के दौरान भौतिक विज्ञान विषय में गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं. इसके बाद 1982 बैच में आईएएस अधिकारी बने.
जॉर्ज फर्नांडिस के निजी सचिव रह चुके हैं गौबा
आईएएस अधिकारी बनने के बाद शुरुआती पोस्टिंग उनकी बिहार में रही. उन्होंने गया, नालंदा और मुजफ्फपुर में कलेक्टर और जिलाधिकारी पद की जिम्मेदारी निभाते रहे. लेकिन अपने प्रशासिनक कौशल के चलते वे जल्द ही जल्द ही सरकार की नजर में आ गए. इसके बाद झारखंड के चीफ सेक्रेटरी के रास्ते वे केंद्र तक पहुंच गए. इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के लिए काम करते हुए भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. जबकि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के निजी सचिव रह चुके हैं.
Input : News18
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1 जुलाई से नहीं लागू हो रहे नए श्रम कानून, करना होगा और इंतजार

अटकलों के उलट नए श्रम कानून 1 जुलाई से लागू नहीं हो रहे हैं. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा है कि नए कानूनों के 4 कोड, औद्योगिक विवाद, सामाजिक सुरक्षा, वेतन और पेशेवर सुरक्षा, पर अभी मंथन चल रहा है. बता दें कि केंद्र सरकार ने 29 श्रम कानूनों को 4 कोड में समाहित कर दिया है.
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह ढांचागत बदलाव हैं और मंत्रालय श्रम कल्याण व व्यापार की सुगमता में संतुलन बनाने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय श्रम मंत्रालय राज्यों, उद्योगों व अन्य हितधारकों के साथ बातचीत कर रहा है और अभी तक की वार्ता अच्छी रही है. बकौल अधिकारी, लेकिन 1 जुलाई को कोड नहीं लागू होने वाले हैं.
मंत्रालय करेगा औपचारिक घोषणा
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि एक बार सारी चीजें तय होने के बाद मंत्रालय औपचारिक घोषणा करेगा, लेकिन निकट भविष्य में इससे आसार कम हैं. बता दें कि संसद ने वेतन संबंधी कोड को 2019 में और अन्य 3 कोड्स को 2020 में पारित कर दिया था, लेकिन अभी इनमें से किसी को भी लागू नहीं किया है.
नए कोड्स से क्या बदलेगा
इनका नियोक्ता और कर्मचारी दोनों पर बड़ा प्रभाव होगा. कंपनियों के लोगों को भर्ती करना और निकालना और आसान हो जाएगा. इसके अलावा औद्योगिक हड़तालें करना बेहद मुश्किल हो जाएगा. नया राष्ट्रीय वेतन नियम लागू होगा जिससे कर्मचारियों को लाभ मिलेगा और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सोशल सिक्योरिटी के घेरे में लाया जाएगा. साथ ही वेतन की परिभाषा बदलेगी और संभवत: आपके हाथ में आने वाला वेतन घट जाएगा. जबकि रिटारयमेंट के लिए बचाई जाने वाली सेविंग्स बच जाएंगी. इस बिंदु का उद्यमी व नियोक्ता विरोध कर रहे हैं क्योंकि इससे उन पर वित्तीय दबाव बढ़ सकता है.
इसके अलावा नए कोड्स में साप्ताहिक काम के घंटों में कोई बदलाव नहीं है, लेकिन डेली वर्किंग आवर्स में चेंज हो सकता है. अगर कर्मचारी और नियोक्ता चाहें तो एक दिन में 12 घंटे काम के साथ हफ्ते में 4 दिन वर्किंग रख सकते हैं और 3 दिन का वीक ऑफ दे सकते हैं.
क्या है उद्योगों का रुख
एक सर्वे के अनुसार, 64 फीसदी कंपनियां मान रही हैं कि इन बदलावों से उनके मुनाफे-घाटे पर सीधा असर होगा. एडवाइजरी फर्म विलिस टावर्स वॉट्सन के इस सर्वे के मुताबिक, कम से कम 71 फीसदी कंपनियों ने इसके प्रभावों का आकलन करने के लिए कदम उठाए हैं. हालांकि, 34 फीसदी कंपनियां नए वेतन कोड के संदर्भ में किसी तरह के बदलाव को लेकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. 53 फीसदी कंपनियां रिटायरमेंट की आयु और लंबी अवधि में दिए जाने वाले बेनेफिट्स की समीक्षा पर विचार कर रही हैं.
Source : News18
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पैगंबर पर टिप्पणी के लिए नूपुर शर्मा को टीवी पर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

पैगंबर पर टिप्पणी मामले में बीजेपी से निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा को पूरे देश से माफी मांगने के लिए कहा है. साथ ही कोर्ट ने केस ट्रांसफर करने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है.
Senior advocate Maninder Singh, appearing for #NupurSharma, tells Supreme Court that she apologised for the remarks and withdrew the comments.
Supreme Court says – she should have gone to the TV and apologized to the nation.
— The Times Of India (@timesofindia) July 1, 2022
Nupur Sharma single-handedly responsible for what is happening in the country: Supreme Court#SupremeCourt #NupurSharma pic.twitter.com/LQTE8zLTRS
— Bar & Bench (@barandbench) July 1, 2022
शुक्रवार को नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर को लेकर की गई टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की. नूपुर की ट्रांसफर अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनकी टिप्पणी ने देश भर में लोगो की भावनाओं को भड़का दिया है. आज जो कुछ देश में हो रहा है, उसके लिए वो जिम्मेदार हैं.
कोर्ट ने कहा कि हमने डिबेट को देखा है, उसको भड़काने की कोशिश की. लेकिन उसके बाद उन्होंने जो कुछ कहा, वो और ज्यादा शर्मनाक है.नूपुर शर्मा और उनकी हल्की जबान ने पूरे देश में आग लगा दी है. वो उदयपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार हैं.
वकील ने जब उनकी क्षमायाचना और पैगंबर पर की गई टिप्पणियों को विनम्रता के साथ वापस लेने की दुहाई दी तो पीठ ने कहा कि वापस लेने में बहुत देर हो चुकी थी. SC ने कहा कि उनकी शिकायत पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. लेकिन कई FIR के बावजूद उन्हें अभी तक दिल्ली पुलिस ने उनको छुआ तक नहीं है.
बता दें कि नूपुर शर्मा बीजेपी की प्रवक्ता रही हैं. उन्होंने हाल ही में एक टीवी डिबेट में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी की थी. इसका काफी विरोध हुआ था. यहां तक कि कुवैत, यूएई, कतर समेत तमाम मुस्लिम देशों ने उनके बयान की आलोचना की थी. इसके बाद बीजेपी ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था.
नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद की टिप्पणी को लेकर देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुआ था. इतना ही नहीं महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में उनके खिलाफ मामले भी दर्ज कराए गए हैं. वहीं, नूपुर शर्मा ने सभी मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाई कोर्ट जाने के लिए है.
Source : Aaj Tak
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बाबा बर्फानी की जयकार के बीच अमरनाथ यात्रा शुरू

नुनवान: नुनवान आधार शिविर से 2,750 तीर्थयात्रियों के एक जत्थे के दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित गुफा मंदिर के लिए रवाना होने के साथ ही वार्षिक अमरनाथ यात्रा बृहस्पतिवार को शुरू हो गई. उपायुक्त पीयूष सिंगला ने अनंतनाग जिले के पहलगाम में नुनवान आधार शिविर से तीर्थयात्रियों के जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
As we begin the 43-days long celebration of Shri Amarnath Ji Yatra, performed Puja of Baba Barfani earlier today. Prayed for peace, happiness and prosperity of all. pic.twitter.com/fcI5e1Ly3t
— Office of LG J&K (@OfficeOfLGJandK) June 30, 2022
सिंगला ने बताया कि 43 दिवसीय तीर्थयात्रा का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी कोशिश यह सुनिश्चित करना है कि तीर्थयात्री सुरक्षित महसूस करें और शांतिपूर्वक तरीके से मंदिर की पवित्र गुफा में शिवलिंग के दर्शन कर पाएं.’’
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जत्थे को किया रवाना
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार सुबह जम्मू शहर के भगवती नगर आधार शिविर से वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए 4,890 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को कश्मीर के पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों की यात्रा के लिए रवाना किया था.
अधिकारियों ने बताया कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने प्राकृतिक रूप से बने बर्फ लिंगम के ऑनलाइन दर्शन करने की व्यवस्था भी की है. उन्होंने कहा कि इस साल तीर्थयात्रियों की संख्या सामान्य से अधिक होने की उम्मीद है क्योंकि यह यात्रा करीब तीन साल के अंतराल के बाद आयोजित की जा रही है.
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 के अधिकतर प़्रावधान को रद्द करने के बाद यात्रा बीच में ही स्थगित कर दी गई थी, जबकि वर्ष 2020 और 2021 में कोविड-19 वैश्विक महामारी की वजह से यात्रा का आयोजन नहीं किया गया था. अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर समाप्त होगी.
Source : News18
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