500 वर्षों का इंतजार श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ अब कुछ घंटों में समाप्त हो जाएगा। इसी के साथ रामनगरी नव सृजन को गढ़ने लगेगी। श्रीरामलला भव्य गर्भगृह में विराजमान होने जा रहे हैं, इसकी खुशी की पराकाष्ठा रामभक्तों में देखी जा सकती है। अयोध्या में चारों तरफ गजब का उत्साह है। जिधर दखो उधर लोग रामनाम की धुन पर मगन हो थिरक रहे हैं। पूरे माहौल में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहमान है। रंग-बिरंगे फूल और चकाचौंध करती लाइटें बरबस लोगों को आकर्षित कर रही हैं। सजावट ऐसी, जिसमें राजाराम का वैभव और रामलला का वात्सल्य दोनों दिखाई दे।

चार दशकों तक पूरे विश्व में विवाद के कारण पहचानी जाने वाली अयोध्या अब नई इबारत लिखने को तैयार है। बात अभी कुछ वर्ष पूर्व यानी 5 अगस्त 2020 के पूर्व की है। रामनगरी केे रामनवमी, सावन मेला और कार्तिक पूर्णिमा मेले में ही श्रद्धालुओं की अच्छी खासी संख्या दिखती थी। इन्हीं मेलों पर व्यापार टिका था। बाकी दिन कुछ ही श्रद्धालु दिखते थे। मंगलवार को हनुमान गढ़ी में दर्शन के लिए भीड़ जरूर दिखती थी। राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने और भूमि पूजन के बाद अयोध्या की पहचान विवाद से खत्म हो राममंदिर हो गई।

साकेत महाविद्यालय में भूगोल विषय के प्रोफेसर डॉ. अंजनी सिंह कहते हैं कि अब अयोध्या पीछे मुड़ कर नहीं देखेगी। नित नए आयाम गढ़ने का समय शुरू हो गया है। किसी भी बड़े शहर की तरह यहां पर हमेशा भीड़ रहेगी। इसकी शुरुआत चार दिन बाद से हो जाएगी। नगर निगम के मेयर महंत गिरीश पति त्रिपाठी कहते हैं कि रामनगरी 24 घंटे जगने को तैयार हो रही है। निगम ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्राथमिकता में स्वच्छता और सत्कार है।

Source : Hindustan

Sharda Heritage- Marriage Hall , Banquet Hall Muzaffarpur

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