पूर्व चीफ जस्टिस (Former Chief Justice) रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) ने बंगला खाली करने की समय सीमा से एक महीने पहले ही बंगला खाली कर दिया है. आमतौर पर बंगला खाली करने के लिए पूर्व न्यायाधीशों को एक महीना मिलता है. बता दें कि पूर्व चीफ जस्टिस 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए थे. रंजन गोगोई को उनके कार्यकाल के दौरान राजधानी दिल्‍ली के 5 कृष्ण मेनन मार्ग पर बंगला दिया गया था. इस तरह अपने सेवानिवृत्त होने के दो दिन बाद ही बंगला खाली करने वाले गोगोई पहले चीफ जस्टिस हो गए हैं. इससे पहले पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर (Justice JS Khehar) ने रिटायरमेंट के बाद सबसे जल्दी बंगला खाली कर दिया था.

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बता दें कि रिटायरमेंट से पहले रंजन गोगोई ने अयोध्या मंदिर-मस्जिद (Ayodhya temple-mosque case) के जमीनी विवाद पर ऐतिहासिक फैसला दिया था. अपने कार्यकाल के आखिरी दिन जस्टिस गोगोई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के रूम नंबर एक में कुछ देर के लिए बैठे थे, जहां उन्हें विदाई दी गई और उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया.

अपने भाषण में रंजन गोगोई ने कहा कि अदालती कामकाज में गुंडागर्दी और धमकाने जैसी चीजों के चलते कामकाज का स्तर गिरा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. इस बारे में चिंता जताते हुए गोगोई ने कहा कि अदालत की गरिमा को बरकरार रखने की जरूरत है. आपको बता दें कि वर्तमान में देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबड़े (Justice SA Bobde) हैं.

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