केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए सरकार की नई योजना की घोषणा की है, जिसमें पीड़ितों को 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मुहैया कराया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य सड़क हादसों में घायल लोगों को समय पर बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है।

गडकरी ने कहा कि यह योजना देशभर में सभी प्रकार की सड़कों पर मोटर वाहनों से होने वाले हादसों के लिए लागू होगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत पीड़ितों को दुर्घटना की तिथि से सात दिन के भीतर कैशलेस उपचार की सुविधा दी जाएगी। इस कार्यक्रम को पहले चंडीगढ़ में लागू किया गया और बाद में इसे छह राज्यों तक विस्तारित किया गया।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह योजना आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में लागू होगी। दुर्घटना के पीड़ितों को ट्रॉमा और पॉलीट्रॉमा देखभाल के लिए 1.5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य लाभ दिए जाएंगे।

इस योजना के तहत दुर्घटना की सूचना पुलिस को 24 घंटे के भीतर देनी होगी। यदि यह प्रक्रिया पूरी होती है, तो सरकार पीड़ित के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी।

अगर सड़क हादसे में हिट एंड रन की स्थिति में मौत हो जाती है, तो पीड़ित के परिवार को 2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इस कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (eDAR) और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) की लेनदेन प्रबंधन प्रणाली को जोड़ा है।

गडकरी ने बताया कि 2024 में करीब 1.80 लाख लोगों ने सड़क हादसों में जान गंवाई। इनमें से 30 हजार मौतें हेलमेट नहीं पहनने के कारण हुईं। सड़क सुरक्षा को सरकार ने अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया है और इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

यह नई योजना सड़क सुरक्षा और चिकित्सा सुविधा के क्षेत्र में एक बड़ी पहल है, जो हादसे के बाद पीड़ितों को राहत देने में अहम भूमिका निभाएगी।

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