बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार की शाम हुई कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में आरक्षण का दायरा बढ़ाये जाने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई। इसके अनुसार सूबे में आरक्षण का दायरा 60 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी करने पर सहमति प्रदान की गयी। इसके लिए कैबिनेट ने बिहार आरक्षण बिल 2023 पर मुहर लगा दी। विधानमंडल के दोनों सदनों में 9 नवंबर को इसपर मुहर लगेगी। बीजेपी ने भी राज्य में आरक्षण का दायरा बढ़ाये जाने के नीतीश कुमार के प्रस्ताव का समर्थन किया है।

नीतीश कैबिनेट से पास बिल की तस्वीर कुछ इस तरह होगी। पिछड़ा वर्ग को 18 फीसदी, अति पिछड़ा वर्ग को 25 फीसदी, एससी को 20 फीसदी, एसटी को 2 फीसदी का आरक्षण मिलेगा। 9 नवंबर को सदन के पटल से पारित कराया जाएगा। इसके अलावे कैबिनेट ने सतत जीवकोपार्जन योजना राशि में इज़ाफा पर मंजूरी दी है। इसके तहत सहयात राशि एक लाख से बढ़ाकर दो लाख करने की योजना है।

इससे पहले सीएम नीतीश ने आज सदन में चर्चा के दौरान कहा कि बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाने का विधेयक इसी सत्र में लाया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानमंडल के दोनों सदनों में इसकी घोषणा की। सदन में चर्चा के दौरान नीतीश कुमार ने आरक्षण की सीमा 15 फीसदी बढ़ाकर 60 से 75 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया। इसके तहत एससी का आरक्षण बढ़ाकर 20 फीसदी और एसटी का आरक्षण दो फीसदी जबकि पिछड़ा-अति पिछड़ा का आरक्षण बढ़ाकर 43 फीसदी करने की योजना है। इसी में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को दिया जाने वाला तीन फीसदी आरक्षण भी समायोजित होगा।

पहले जाति आधारित गणना हुई ही नहीं तो आकड़ों पर सवाल कैसे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इसके पहले जाति आधारित गणना हुई ही नहीं तो फिर इसके आंकड़ों पर सवाल कैसे उठा सकते हैं? कैसे कह सकते हैं कि किसी जाति की संख्या कम हो गयी या फिर बढ़ गयी? यह सब बोगस बात है। इसका कोई आधार नहीं। ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए। हमने तो केन्द्र से भी अनुरोध किया ता कि वो जाति गणना करा ले।

Source : Hindustan

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