सरकार हर स्तर पर बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ की बात कर रही है। लेकिन,इसको उसी रूप में लागू कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। मुजफ्फरपुर जिला अंतर्गत साहेबगंज प्रखंड के शाहपुरपट्टी गांव स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय के संदर्भ में यह बात 100 फीसद सही है। यहां रहने वाली छात्राओं को खाने में केवल चावल और मिर्च का चोखा दिया जाता है। नहाने के लिए साबुन नहीं दिया जाता। तेल का यहां रह रहीं छात्राओं को आजतक दर्शन ही नहीं हुआ।

छात्राओं की परेशानी का अंत यहीं नहीं है। भोजन में कटौती और दैनिक प्रयोग के सामान उपलब्ध नहीं कराने का विरोध करने पर छात्राओं का बाल पकड़ कर पीटा जाता है।

कस्तूरबा गांधी विद्यालय की छात्राओं पर हो रही जुल्म की यह दास्तां उस समय सामने आई जब सभी छात्राओं ने इसके खिलाफ विद्यालय में जमकर हंगामा किया। आरोप लगाया कि विद्यालय में भोजन के निर्धारित मेन्यू का पालन काफी दिनों से नहीं हो रहा है। दो दिनों से चावल तथा मिर्चा का चोखा खिलाया जा रहा है। तेल- साबुन भी मुहैया नहीं कराया जा रहा।

छात्राओं ने इसकी शिकायत समीप के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय शाहपुरपट्टी के प्रधानाध्यापक अवधेश दास से की। उन्होंने जब इसकी जानकारी ली तो वार्डेन ने तेल-साबुन नहीं देने की बात स्वीकार की तथा जल्द ही इसे मुहैया कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद छात्राएं विद्यालय चली गईं। अपनी शिकायत से बौखलाईं वार्डेन अर्चना कुमारी ने छात्राओं को बाल पकड़ कर घसीटा और बेरहमी से उसकी पिटाई की। उस समय उन्हें बचाने वाल भी कोई नहीं था। किसी तरह इसकी शिकायत डीपीओ को मिली तो उन्होंने बीईओ को जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया।

बीईओ ने बताया कि प्रथमदृष्टि में आरोप सही पाए गए हैं। रिपोर्ट जल्द ही डीपीओ को सौंपा जाएगा। इस बारे में जब वार्डेन से बात की गई तो उन्होंने किसी छात्रा की पिटाई से पूरी तरह इन्कार किया।

Input : Dainik Jagran

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