आज मुजफ्फरपुर जिला के बूढ़ी गंडक नदी के पिल्लखी घाट पर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत रिवर रैचिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर प्रणव कुमार के द्वारा किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि रिवर रैचिंग कार्यक्रम के क्रियान्वयन से नदियों के प्रति किलोमीटर मत्स्य उत्पादन में अभिवृद्धि होगी एवं मछुआरों का आर्थिक /सामाजिक उत्थान भी होगा। साथ ही नदियों में स्थानीय मछलियों के प्रजातियों का जैव-विविधता में संतुलन एवं संरक्षण भी हो सकेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी इस रिवर रैचनिंग कार्यक्रम के द्वारा जहां मत्स्य उत्पादन में बढ़ोतरी होगी वही मछुआरों की आजीविका भी पहले से और बेहतर हो सकेगा।
कार्यक्रम में उपस्थित डॉक्टर एस सी राय पूर्व डीन मतस्यकी महाविद्यालय ढोली के द्वारा बताया गया कि मत्स्यकी महाविद्यालय ढोली द्वारा गंगा, बूढ़ी गंडक और गंडक से मत्स्य ब्रूडर का संग्रहण कर ब्रूड स्टॉक का मत्स्यकी महाविद्यालय ढोली के अलग-अलग तालाबों में संचयन किया गया। जून माह के द्वितीय सप्ताह से चरण वार गंगा ,गंडक एवं बूढ़ी गंडक के प्रजनक मछलियों का आधुनिक तकनीक के द्वारा प्रेरित प्रजनन प्रारंभ किया। गया। उत्पन्न स्पॉन को अलग-अलग नर्सरी तालाबों में संचयन किया गया। लगभग एक महीने देखरेख करने के बाद स्पॉन को फाई में विकसित कर अलग-अलग तालाबों में संचयन किया गया।इनके विकास के उपरांत मत्स्य अंगुलाकाओं का आज रिवर रैचिंग कार्यक्रम के द्वारा बूढ़ी गंडक में पुनर्स्थापना किया जा रहा है।
वहीं कार्यक्रम में उपस्थित जिला मत्स्य पदाधिकारी डॉ नूतन ने बताया कि मत्स्यकी महाविद्यालय ढोली द्वारा उत्पादित उन्नत गुणवत्तायुक्त मत्स्य बीज को आज पिल्खी घाट पर बूढ़ी गंडक नदी में पुनर्स्थापन किया जा रहा है जिससे कि जैव विविधता में संतुलन एवं संरक्षण के साथ नदियों के मत्स्य उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
मत्स्य विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि
(1) रिवर रैचिंग कार्यक्रम के क्रियान्वयन से मछुआरों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान तथा मत्स्य शिकारमाही पर आश्रित मछुआरों के वार्षिक आय में वृद्धि हो सकेगी।
(2) नदियों में मछलियों का सफलतापूर्वक पूर्णस्थापना तभी संभव है जब इससे संबंधित मतस्यकी नियमों को लागू किया जाएगा।
(3) इसके तहत नदियों में अविवेकीय मत्स्य दोहन नहीं करना ,छोटे आकार के मत्स्य बीज को संरक्षण प्रदान करना तथा 4 सेंटीमीटर से कम फ़साजाल(गिलनेट) का प्रयोग नहीं करना शामिल है।
(4) इसके लिए राज्य सरकार के स्तर से वृहत रूप से जागरूकता अभियान एवं प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। (5)राज्य सरकार की नदियों में 15 जून से 15 अगस्त तक की अवधि में मत्स्य शिकारमाही पर प्रतिबंध है।
(6)केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा इन प्रतिषेध अवधि में मछुआरों को वित्तीय राहत पहुंचाने के उद्देश्य से राहत -सह- बचत योजना लाई जा रही है।
डॉक्टर एस सी राय पूर्व डीन मत्स्य की महाविद्यालय ढोली द्वारा विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लिया गया। श्री देवेंद्र नायक ,संयुक्त मत्स्य निदेशक अनुसंधान पटना, श्री उदय प्रकाश उपनिदेशक तिरहुत प्रक्षेत्र, डॉ नूतन जिला मत्स्य पदाधिकारी के साथ अन्य विभागीय पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में जिले के स्थानीय जनप्रतिनिधि, मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के अध्यक्ष एवं सदस्य उपस्थित थे।
अंत में उप निदेशक, मत्स्य के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया एवं नदी से प्राप्त किए गए प्रजनक मछलियों के प्रेरित प्रजनन से विकसित मत्स्य अंगुलिकाओं को मुजफ्फरपुर जिला में बूढ़ी गंडक नदी के तटवर्ती पिल्खी घाट पर पूर्ण- स्थापन किया गया।
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