एम्स के निदेषक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि पटना एम्स में रोबोट के प्रयोग से बहुत जल्द ही मरीजों की सर्जरी शुरू हो जाएगी. इसके लिए रोबोट मशीन की जल्द ही खरीदारी के लिए प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. सोमवार को रोबोटिक इन ऑनकोलॉजी सम्मलेन के प्रथम दिन रोबोट से सर्जरी का का डेमो प्रयोग का उदघाटन करते हुए निदेशक ने कहा कि रोबोट से जटिल ऑपरेशन आसानी से हो जाते हैं. इसमें मरीजों को अधिक पीड़ा और कष्ट नहीं सहना पड़ता है. यह सुविधा देश के चुनिंदा अस्पतालों में ही उपलब्ध है.
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पटना एम्स अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होता जा रहा है. अब संस्थान में रोबोटिक सर्जरी भी उपलब्ध हो जाने से यहाँ में मरीजो को कई तरह की सर्जरी काफी आसान हो जाएगी. ऑनकोलॉजी विभाग के हेड डॉ. जगजीत कुमार पांडये ने कहा कि सम्मेलन के प्रथम दिन पटना एम्स सहित बिहार एंव झारखंड के करीब 100 से अधिक सर्जन ने रोबोट से सर्जरी करने की विधि की ट्रेनिंग ली. यह ट्रेनिंग मंगलवार को भी जारी रहेगी. बुधवार को रोबेटिक के माध्यम से सजर्री पर सीएमई का आयोजन होगा.
रोबोट से कैसे होता है ऑपरेशन :
ऑनकोलॉजी विभाग के हेड डॉ. जगजीत कुमार पांडये ने बताया की डी हाई डेफिनिशन विजुअल सिस्टम छोटे उपकरण शरीर में प्रवेश कराये जाते है. यह रोबोट एक सर्जरी यंत्र है. इसे नियंत्रित करने की डोर सर्जन के पास रहती है. इसमें हाथ की तरह यंत्र होंगे और बीच में थ्री डी कैमरा होगा. एम्स के अलावा दिल्ली के कई प्राइवेट अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी की जा रही है. उन्होंने आगे बताया कि मानव हाथ से सर्जरी और रोबोटिक सर्जरी में अरिजो के शरीर से अधिक खून नहीं निकलता और ऑपरेशन के बाद दर्द भी कम होता है. इससे इनफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता है.
एम्स में जटिल ऑपरेशन अब आसानी से हो सकेंगे. अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस सहित यूरोप के देशों में यह प्रणाली लोकप्रिय है. जिसमें समय कम लगने के साथ चीर-फाड नहीं करनी पड़ती. मरीज को दर्द कम होने के साथ इनफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता है.

इन बीमारियों के होगें रोबोटिक प्रयोग से ऑपरेशन
हृदय शल्य चिकित्सा, कालोरेक्टल सर्जरी, जनरल सर्जरी, गायन कोलाजिक सर्जरी, सिर-गर्दन सर्जरी, गला नाक की सर्जरी, शिशु की सर्जरी, वक्ष शल्य चिकित्सा, प्रोस्टेज सहित सभी जटिल ऑपरेशन संभव है.
एम्स के इन सर्जनों ने ली प्रशिक्षण
डॉ बिंदे, डा संजीव कुमार, डॉ अनिल कुमार, डॉ कमलेश गुजंन, डॉ अजीत कुमार, डॉ. मोनिका आंनद, डॉ नमीशा, डॉ हेमेन्द्रा और डॉ अमीत रंजन, डॉ. प्रषांत कुमार, डॉ प्रणव कुमार समेत बिहार एंव झारखंड से आये हुए एक सौ से अधिक सर्जन्स ने प्रशिक्षण लिया.
Input : Live Cities