आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट के बाद हाल ही में हुए छात्रों के उग्र प्रदर्शन के मामले में पुलिस ने पटना के खान सर समेत कई कोचिंग संस्थानों के मालिकों के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस के मुताबिक, खान सर के अलावा कई कोचिंग संस्थानों के मालिकों ने छात्रों को भड़काने का काम किया है.
इस बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इन उम्मीदवारों और खान सर का समर्थन किया है. उन्होंने ट्वीट किया- ”संविधान में हिंसा और तोडफोड़ का अधिकार किसी को नहीं. वैसे अब वक्त आ गया है जब सरकार रोजगार के विषय में बात करे,नहीं तो हालात इससे भी भयानक उत्पन्न हो सकतें हैं. RRB-NTPC उपद्रव के नाम पर खान सर सहित शिक्षकों पर किए गए मुकदमें इस अघोषित युवा आंदोलन को और भी ज्यादा भड़का सकता है.”
बता दें कि खान सर एक टीचर हैं जो जनरल स्टडीज की कोचिंग देते हैं. उनका एक यूट्यूब चैनल है जिसमें भी उनका नाम खान सर ही लिखा है. यूट्यूब चैनल पर पटना का पता दर्ज है. यूट्यूब पर उनके 1.45 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं.
संविधान में हिंसा और तोडफोड़ का अधिकार किसी को नहीं।
वैसे अब वक्त आ गया है जब सरकार रोजगार के विषय में बात करे,नहीं तो हालात इससे भी भयानक उत्पन्न हो सकतें हैं।
RRB-NTPC उपद्रव के नाम पर खान सर सहित शिक्षकों पर किए गए मुकदमें इस अघोषित युवा आंदोलन को और भी ज्यादा भड़का सकता है।— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) January 27, 2022
इधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी छात्रों के समर्थन में दो ट्वीट किए. एक में उन्होंने ट्रेन रोके छात्रों की भीड़ का वीडियो शेयर कर लिखा- ‘अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने को हर नौजवान स्वतंत्र है, जो भूल गए हैं, उन्हें याद दिला दो कि भारत लोकतंत्र है, गणतंत्र था, गणतंत्र है!’. वहीं एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा- ‘स्टूडेंट्स, आप देश की व अपने परिवार की उम्मीद हैं. भाजपा सरकार की नीतियों के ख़िलाफ, सत्य के पक्ष में मैं आपके साथ हूं और रहूंगा लेकिन हिंसा हमारा रास्ता नहीं है. अहिंसक विरोध से स्वतंत्रता ले सकते हैं तो अपना अधिकार क्यों नहीं?
अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने को हर नौजवान स्वतंत्र है,
जो भूल गए हैं, उन्हें याद दिला दो कि भारत लोकतंत्र है,
गणतंत्र था, गणतंत्र है!#JusticeForStudents pic.twitter.com/9rK8I3CEox— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 26, 2022
गौरतलब है कि उम्मीदवार RRB- NTPC भर्ती परीक्षा दो चरणों में आयोजित करने के रेलवे के फैसले का विरोध कर रहे हैं. उनका दावा है कि अंतिम चयन के लिए दूसरे चरण में आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा, पहले चरण में उत्तीर्ण करने वालों को “धोखा” देने के समान है. कंप्यूटर आधारित पहले चरण की परीक्षा के परिणाम 15 जनवरी को जारी किए गए थे. लगभग 1.25 करोड़ उम्मीदवारों ने उन परीक्षाओं के लिए आवेदन किया था. उम्मीदवार भर्ती अभियान की स्क्रीनिंग प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं. आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा तिथियों के अनुसार, दूसरे चरण की परीक्षा, जिसके लिए 7 लाख उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया था, वह 14 और 18 फरवरी को आयोजित की जानी थी. परीक्षा अब स्थगित है.
Source : Aaj Tak