आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा, ‘‘मारे-मारे फिरते थे यहूदी। अकेला भारत है, जहां उनको आश्रय मिला। पारसियों की पूजा और मूल धर्म सुरक्षित केवल भारत में है। विश्व में सर्वाधिक सुखी मुसलमान केवल भारत में मिलेगा। ये क्यों हैं? क्योंकि हम हिंदू हैं।’’

आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने हिंदू-मुस्लिम को लेकर एक बार फिर ऐसा बयान दिया है, जिस पर विवाद हो सकता है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में सबसे सुखी मुसलमान भारत में मिलेगा, क्योंकि हम हिंदू हैं। इस दौरान उन्होंने पारसियों, यहूदियों का भी जिक्र किया। बता दें कि मोहन भागवत ने यह बात शनिवार (12 अक्टूबर) को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित एक सभा के दौरान कहीं। इस दौरान उन्होंने हिंदू संस्कृति को धन्यवाद भी दिया।

यह था भागवत का पूरा भाषण: आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा, ‘‘मारे-मारे फिरते थे यहूदी। अकेला भारत है, जहां उनको आश्रय मिला। पारसियों की पूजा और मूल धर्म सुरक्षित केवल भारत में है। विश्व में सर्वाधिक सुखी मुसलमान केवल भारत में मिलेगा। ये क्यों हैं? क्योंकि हम हिंदू हैं।’’

दूसरे देशों को सही राह दिखा रहा भारत: आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘हिंदू सिर्फ किसी धर्म या भाषा या देश का नाम नहीं है। यह भारत में रहने वाले हर शख्स की संस्कृति है। जब कोई राष्ट्र सही रास्ते से भटकता है तो वह सत्य की तलाश में हमारे पास ही आता है। इसकी वजह यह है कि हमारा हिंदू राष्ट्र है। कुछ लोग अपनी हिंदू पहचान जाहिर करने में शर्म महसूस करते हैं, लेकिन कई इसे गर्व के साथ बताते हैं।’’

संघ का उद्देश्य भी बताया: मोहन भागवत ने कहा, ‘‘आरएसएस किसी के प्रति घृणा का भाव नहीं रखता है। हमें बेहतर समाज बनाने के लिए एक साथ आगे बढ़ना चाहिए, जिससे देश में बदलाव आए। संघ का उद्देश्य देश में परिवर्तन के लिए सिर्फ हिंदुओं को ही नहीं, बल्कि पूरे समाज को संगठित करना है।’’

ओडिशा के 9 दिन के दौरे पर गए हैं भागवत: जानकारी के मुताबिक, संघ प्रमुख मोहन भागवत 9 दिन के दौरे पर ओडिशा गए हुए हैं। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘भाव, विचार और संस्कृति में विविधता के बाद भी भारत में लोग खुद को एक महसूस करते हैं।’’

Input : Jansatta

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