सूचना के अधिकार (आरटीआइ) में जवाब नहीं देना मुशहरी के अंचलाधिकारी को महंगा पड़ा। उनपर कुल दो लाख पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा लगाए गए जुर्माने की राशि जमा करने का आदेश डीएम आलोक रंजन घोष ने सीओ को दिया है। राशि जमा कर चालान उपलब्ध कराने को भी कहा गया है।

डेढ़ वर्ष का लेखाजोखा

राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त ने जुलाई 2017 से लेकर फरवरी 2019 तक की अवधि में सूचना उपलब्ध नहीं कराने के कई मामलों में आदेश जारी किया। इस अवधि में कई सवालों के जवाब निर्धारित समय में नहीं दिए गए थे। सभी मामलों में जुर्माने की राशि दो लाख पांच हजार हुई। डीएम ने जारी आदेश में कोषागार पदाधिकारी को कहा कि जुर्माना की राशि जमा होने के बाद ही मुशहरी सीओ का वेतन भुगतान किया जाए। वहीं ईडीसी को भी उनके स्तर से राशि जमा करवाने को कहा गया है।

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