लोकसभा की कार्यवाही में कूदकर उपद्रव करने और धुआं छोड़ने वाला सागर पेशे से ई-रिक्शा चालक है, लेकिन उसका झुकाव वामपंथी विचारधारा की ओर रहा है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक वह चे ग्वेरा का फैन रहा है और कई बार महान क्रांतिकारी भगत सिंह के उद्धरण भी देता रहा है। लखनऊ में रहने वाले सागर शर्मा के पिता रोशन लाल एक बढ़ई का काम करते हैं। परिवार का कहना है कि सागर सोमवार को यह कहकर दिल्ली के लिए निकला था कि वह एक प्रदर्शन में हिस्सा लेने जा रहा है। लखनऊ के आलमबाग इलाके में किराये के घर में रहने वाला परिवार सागर की इस हरकत से हैरान है।
फैमिली का कहना है कि उन्हें सागर शर्मा के विचारों का पता है और वह अकसर बदलाव की बातें करता रहा है। लेकिन यह पता नहीं था कि वह संसद भवन जाने के लिए पास का जुगाड़ कर रहा है। उसकी मां रानी शर्मा ने कहा कि भले ही मेरे बेटे की हरकत गलत थी, लेकिन मैं उसे जानती हूं। उसकी मंशा गलत नहीं हो सकती। पिछले तीन महीनों से ई-रिक्शा चला रहे सागर शर्मा की सोशल मीडिया पोस्ट्स देखें तो भगत सिंह और चे ग्वेरा के विचारों से भरी हुई हैं। एक पोस्ट में तो सागर ने बॉलीवुड, क्रिकेट जैसी चीजों से बचने की चेतावनी दी है।
यही नहीं इन चीजों को उसने भ्रमित करने वाला बताते हुए कहा है कि प्रयास किए जा रहे हैं कि युवाओं को अंधा कर दिया जाए, जो कल को देश का नेतृत्व कर सकते हैं। सागर शर्मा का परिवार मूल रूप से उन्नाव का रहने वाला है, जो एक दौर में दिल्ली पलायन करके गया था। यहीं पर 1996 में सागर का जन्म हुआ था और पिता कारपेंटर का काम करते थे। हालांकि यहां परिवार का धंधा जम नहीं सका तो फिर लखनऊ चले गए।
सागर शर्मा के परिवार ने 2013 में दिल्ली छोड़ दी थी। सागर ने 12वीं तक की पढ़ाई भी लखनऊ के ही एक कॉलेज से की थी, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते आगे नहीं पढ़ सका। एक फ्लोर मिल में काम करने के लिए वह 2018 में बेंगलुरु भी गया था, लेकिन कोरोना संकट के चलते लौटना पड़ गया। अब पिछले तीन महीनों से वह ई-रिक्शा चला रहा है।
Source : Hindustan