एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एइएस) का कारण फलों की रानी लीची को कथित तौर पर बताये जाने का विरोध शुरू हो गया है. एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से मासूम बच्चों का मरना जारी है, लगातार प्रतिदिन बच्चे मर रहे है हाहाकार मचा हुआ है. लेकिन कुछ राष्ट्रीय मीडिया इस त्रासदी को लीची से जोड़ने में फिर से लग गया है, पिछले वर्ष और उसके पिछले वर्ष भी ऐसे ही लीची को बदनाम करने की साज़िश हुई थी.
गौरतलब है के लीची एक ऐसा फल है जिसे कित्रिम तरीके यानी कार्बाइड का इस्तेमाल करके नही पकाया जाता वो पेड़ से टूट कर सीधे लोगो के हाथों में पहुँचता है. पिछले कुछ सालों में जब बच्चो की मौत का आंकड़ा बढ़ा, तो अमरीका के अटलांटा स्थित लैब में लीची के सैम्पल और बच्चों के कुछ नमूने रिसर्च के लिए गए थे लेकिन रिसर्च में शामिल वैज्ञानिक भी लीची को इस बीमारी का असल ज़िम्मेदार नही मना.
तदोपरांत अटलांटा से विशेषज्ञ एसकेएमसीएच आये और अन्य पहलुओं पर भी जांच किया लेकिन किसी निष्कर्ष पर नही पहुँच पाए और इस बीमारी को अज्ञात बता दिया, फिर भी लीची को ज़िम्मेदार नही बताया.
बात यह है के यह बीमारी चिंता का विषय है इसका हल तो निकालना ही होगा वरना ऐसे ही फूल जैसे मासूम बच्चे मरते रहेंगे, लेकिन किसी भी तरह से लीची को बदनाम करना भी गलत है.
Team : Suman Saurabh
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