बिहार के सरकारी स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों को वेतन के लिए प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। शिक्षा विभाग के अनुसार, राज्य के करीब छह लाख शिक्षकों को अब हर माह की एक तारीख को वेतन मिलेगा। इस संबंध में विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है। उन्होंने पिछले दिनों वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई समीक्षा बैठक में इसको लेकर निर्देश दिया था।

अपर मुख्य सचिव केके पाठक आदेश पर विभाग एक्शन में आ गया है। महीने की पहली तारीख को शिक्षकों के बैंक खाते में वेतन की राशि भेजने के लिए कई औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती है। शिक्षा विभाग ने इस दिशा में काम तेज कर दिया है। वेतन से संबंधित वर्क लोड कम करने और समय पर उन्हें पूरा करने की कवायद की जा रही है। शिक्षकों के वेतन भुगतान में वर्तमान में की हेड से भुगतान किया जाता है। इस वजह से वेतन का मामला अक्सर लंबित रहता है।

दरअसल, पिछले कुछ समय से शिक्षकों को समय पर वेतन मिलने में दिक्कतें आ रही हैं। उन्हें वेतन के लिए काफी प्रतीक्षा करनी पड़ रही हैं। समीक्षा बैठक के दौरान भी यह समस्या सामने आई थी। इसे अपर मुख्य सचिव ने काफी गंभीरता से लिया और जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में पहले ही आवश्यक तैयारी करने को कहा। ताकि शिक्षकों को वेतन भुगतान में अनावश्यक विलंब न हो। उन्होंने वेतन संबंधी मांग समय पर विभाग को भेजने का भी स्पष्ट निर्देश दिया था। कहा जाता है कि शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिलने ले पठन पाठन की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

एसीएस केके पाठक बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं। राज्य के विभिन्न जिलों में औचक निरीक्षण करना उनके लिए सामान्य बात है। केके पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग के अधिकारी इन दिनों अपनी कुर्सी पर समय बिताने बजाए अपने अपने क्षेत्रों में देखे जा रहे हैं। गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई भी हो रही है। इसी दौरान शिक्षकों के वेतन भुगतान में देरी के मामले सामने आए। समाधान की दिशा में केके पाठक का यह बड़ा कदम है।

Source : Hindustan

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