लीची उत्पादक किसानों काे तापमान में कमी नहीं आने से अागे भी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। हालांकि, मौसम विभाग ने 26 मई तक लगातार पूर्वा हवा चलने से आसमान में बादल छाने की संभावना जताई है। इस कारण हवा में नमी की मात्रा बढ़ने से किसान अपने बागानों में सिंचाई कर बर्बाद हा़े रही लीची काे बचाने का प्रयास कर सकते हैं।

लीची में दाना बनने के बाद लगातार जारी भीषण गर्मी व जलाने वाली हवा के कारण शाही लीची झुलसकर बर्बाद हा़े रहा है। लेकिन, मंगलवार से हवा की दिशा में हुए परिवर्तन के साथ पूर्वा हवा के साथ आसमान में बादल छाने से किसानों की उम्मीद जगी है। मौैसम विभाग ने आसमान में बादल के छाने के बाद भी 26 मई तक अधिकतम तापमान के 41 डिग्री तक रहने की संभावना जताई है। ऐसे में बारिश नहीं हाेने के बाद भी आसमान में हल्के बादल के छाने से लीची के साथ ही अाम की फसलाें काे मामूली राहत मिलने की उम्मीद है। ऐसे में अगर किसान अपने बागानों की लगातार सिंचाई करें ताे अगले चार दिनाें में फलाें के अाकार में बढ़ोतरी की संभावना है। वर्तमान में मौसम की मार के कारण जिले के किसान लगातार अपनी लीची काे ताेड़कर बाहर के बाजारों में भेज रहे हैं। इसके साथ ही जली हुई लीची का जूस निकालने के लिए 17 रुपए किलाे की दर से व्यापारियों काे भेज रहे हैं।

 Input : Dainik Bhaskar

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