प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखने वाले 49 फिल्मी कलाकारों व बुद्धिजीवियों के खिलाफ राजद्रोह (Sedition) के मुकदमे को पुलिस जांच में झूठा पाया गया है। मुजफ्फरपुर के एसएसपी मनोज कुमार ने उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले को बंद करने का आदेश दिया। साथ ही मामला दर्ज करने वाले अधिवक्ता सुधीर ओझा के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करने को ले प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने का आदेश दिया।
अधिवक्ता ने मुकदमा में लगाए ये आरोप
विदित हो कि देश में भीड़ की उन्मादी हिंसा (Mob Lynching) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को अभिनेत्री अपर्णा सेन (Aparna Seb) समेत 49 फिल्मी कलाकारों और बुद्धिजीवियों ने पत्र लिखा था। इसके खिलाफ अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा (Sudhir Kumar Ojha) ने 27 जुलाई 2019 को मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) की अदालत में मुकदमा दर्ज किया। सुनवाई के बाद सीजेएम ने सदर थानाध्यक्ष को प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर मामले की जांच का आदेश दिया।
दर्ज एफआइआर में अभिनेत्री अर्पणा सेन, अडूर गोपाल कृष्णन, सुमित्रा चटर्जी, रेवती, कोंकणा सेन, श्याम बेनेगल, मणिरत्म, शुभा मुद्गल, व इतिहासकार रामचंद्र गुहा आदि के खिलाफ देश व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने के आरोप लगाए गए। यह आरोप भी जगाया गया कि आरोपितों की मंशा देश को टुकड़े- टुकड़े करने एवं वैमनस्यता फैलाने की थी।
पुलिस ने जांच में झूठे पाए सभी आरोप
बिहार के एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने बताया कि दर्ज एफआइआर के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच की। मुजफ्फरपुर के एसएसपी मनोज कुमार ने अपने पर्यवेक्षण में इसे झूठा पाया। इसके लिए मामला दर्ज करने वाले अधिवक्ता सुधीर ओझा के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश एसएसपी ने दिया है।
अधिवक्ता ने कही ये बात
49 फिल्मी कलाकारों और बुद्धिजीवियों के खिलाफ मामले को पुलिस द्वारा झूठा करार दिए जाने पर अधिवक्ता सुधीर ओझा ने एसएसपी की जांच पर सवाल उठाए हैं। कहा कि उन्होंने साक्ष्य उपलब्ध कराए, लेकिन पुलिस ने जल्दबाजी में जांच पूरा कर दिया। वे इसके खिलाफ अपील करेंगे।
1996 से मुजफ्फरपुर में प्रैक्टिस कर रहे सुधीर
अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा 1996 से मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं। 23 साल के अपने करियर में उन्होंने 745 जनहित याचिकाएं दायर की हैं। वे सदी के महानायक अमिताभ बच्चन से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक पर मुकदमा कर चुके हैं।
Input : Dainik Jagran