पट्टे पर दी गई संपत्ति को शराबबंदी कानून के तहत राज्यसात कर जब्त करना कानूनन सही नहीं है, जब तक संपत्ति मालिक की शराब धंधे में मिलीभगत सामने नहीं आती है। न्यायमूर्ति पीबी बजन्थरी और न्यायमूर्ति रमेश चंद मालवीय की खंडपीठ ने राकेश कुमार उर्फ राकेश कुमार सिंह उर्फ राकू की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद संपत्ति जब्त करने और उसे सरकारी संपत्ति घोषित करने के आदेश को निरस्त कर दिया।

मद्य निषेध विभाग की टीम ने सात साल पहले 17 अगस्त 2016 की रात चंद्रलोक होटल में शराब परोसे जाने की सूचना पर छापेमारी की थी। तीन बोतल शराब जब्त की गई थी। टीम ने होटल के मैनेजर बरुराज निवासी रजनीश कुमार समेत आठ कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। इसमें होटल मालिक राकेश कुमार राकू को फरार बताते हुए आरोपित बनाया गया था। जबकि सूबे में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद होटल मालिक ने होटल को पट्टे पर दे दिया था। होटल से सवा दो लीटर विदेशी शराब बरामदगी के बाद शराबबंदी कानून के तहत कार्रवाई करते हुए होटल को राज्यसात करने की कार्रवाई की गई। लेकिन, जांच में शराब बरामदगी में होटल मालिक की संलिप्तता के बारे में कोई बात सामने नहीं आई।

Source : Hindustan

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD