बड़कागांव की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के साथ बाबा वैद्यनाथ मंदिर में हुई बदसलूकी के मामले में गुरुवार को बाबा वैद्यनाथ मंदिर वरीय प्रबंधक रमेश परिहस्त को हटा दिया गया है। जानकारी के अनुसार जिले के एक अंचल के सीओ को वरीय प्रबंधक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। हालांकि समाचार लिखे जाने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकी थी।
जानकारी के अनुसार पूरे प्रकरण की जांच चलने तक रमेश परिहस्त को बाबा मंदिर से संबंधित सभी प्रकार के कार्यों से मुक्त कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होनी है। बताते चलें कि विधायक अंबा प्रसाद द्वारा विधानसभा तक में उठाया जा चुका है। विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर सरकार की ओर से पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई का भरोसा भी दिया गया है।
इसी बीच उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की ओर से पूरे मामले की जांच का जिम्मा डीडीसी कुमार तारा चन्द को दिया गया है। 48 घंटे के अंदर तथ्यात्मक जवाब प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। शनिवार तक जांच रिपोर्ट डीसी को सौंप दिए जाने की संभावना है। उसी आधार पर कार्रवाई की जानी है। वहीं दूसरी ओर मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसी खुद इस मामले को लेकर हर एक बिंदु की पड़ताल कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार बुधवार शाम से लेकर देर रात तक डीसी मंजूनाथ भजंत्री कुछ अधिकारियों के साथ बाबा मंदिर में रहे। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ वहां के कर्मियों से बारी-बारी से पूछताछ कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। वहीं डीसी के आदेश पर डीडीसी भी बुधवार से ही प्रकरण की जांच में लगे हैं। पहले दिन उन्होंने भी बाबा मंदिर कंट्रोल रूम में सीसीटीवी फुटेज की जांच की। कर्मियों से पूछताछ कर जानकारी ली।
वहीं दूसरे दिन गुरुवार को भी मामले की जांच के लिए डीडीसी मंदिर पहुंचे। बताते चलें कि विधायक अंबा प्रसाद प्रकरण को लेकर सारठ के भाजपा विधायक रणधीर सिंह ने प्रसाशन को समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि महाशिवरात्रि पर देवघर में 3 लाख की भीड़ थी। भीड़ नियंत्रण करने में सबों के पसीने छूट रहे थे। उस दौरान वीआईपी ट्रीटमेंट के लिए विधायक अंबा प्रसाद को लाव-लश्कर के साथ नहीं जाना था। उन्होंने कहा कि देवघर डीसी व एसपी अच्छे हैं। जिला व पुलिस प्रशासन बेहतर काम कर रहा है।
क्या है पूरा मामला :-
बताते चलें कि महाशिवरात्रि के अवसर पर मंगलवार को बाबा वैद्यनाथ मंदिर प्रशासनिक भवन में बड़कागांव की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के साथ मंदिर के वरीय प्रबंधक रमेश परिहस्त की तीखी नोक-झोंक हो गयी थी।
सत्ताधारी विधायक अंबा प्रसाद ने जब बाबा वैद्यनाथ मंदिर में भीड़ को लेकर व्यवस्था नहीं कराए जाने के कारण श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी को लेकर सवाल खड़े किए तो वरीय प्रबंधक के साथ उनकी कहा-सुनी हो गयी। विधायक अंबा की मानें तो वह बेहद संयमित व मर्यादित भाषा में व्यवस्था को लेकर अधिकारियों को बुलाने कह रहीं थीं।
कंट्रोल रूम में एसडीओ बैठे हुए थे। उन्हें बुलाने कहने पर उल्टा विधायक को ही एसडीओ ने कंट्रोल रुम पहुंचने कहा। बावजूद इसके जब वह वहां पहुंची तो एसडीएम कुर्सी पर बैठे ही रहे। उनके अभिवादन का जवाब तक नहीं दिया। उन्होंने शिकायत की कि भीड़ में बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे दब रहे हैं, उन्हें बचाने वाला तक कोई नहीं है, उल्टे श्रद्धालुओं पर छड़ी बरसायी जा रही है, जिससे माहौल और खराब हो सकता है।
विधायक ने कहा कि भगदड़ जैसी स्थिति में दबी कुछ महिलाओं से उन्होंने मिलकर जानकारी ली तो उससे बाबा मंदिर के वरीय प्रबंधक रमेश परिहस्त ने उनके साथ गलत तरीके से बात करते हुए कहा कि झारखंड ही नहीं देश रमेश परिहस्त को जानता है। उनके जैसे विधायक के साथ इस प्रकार का बर्ताव है तो दूसरों के साथ क्या करते होंगे। उन्होंने कहा कि वरीय प्रबंधक से संबंधित कई शिकायतें बाबा मंदिर में ही लोगों ने उन्हें दी है।
विधायक अंबा ने कहा कि वह विधायक के रूप में नहीं बल्कि बाबा के भक्त के रूप में वह यहां पूजा करने आयी थीं। पूजा करने में उन्हें दिक्कत नहीं हुई। लेकिन आम श्रद्धालुओं के लिए जिस प्रकार की व्यवस्था देखी उससे लगा कि सरकार को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। इस मामले को बुधवार को झारखंड विधानसभा में भी अंबा प्रसाद की ओर से उठाया गया। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सरकार को कार्रवाई करने कहा गया। उसके बाद मंत्री आलमगीर आलम ने इसकी जांच कर दोषी पर कार्रवाई का भरोसा सदन में दिया है।
Source : Hindustan