खरी बात कहने के लिए विख्यात वरिष्ठ टीवी पत्रकार अजीत अंजुम ने टीवी9 भारतवर्ष चैनल से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि चैनल में जनसरोकारी पत्रकारिता को दरकिनार किए जाने से दुखी स्मिता शर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया है। अजित और स्मिता दोनों का पद एक्सिक्यूटिव एडिटर का था।
अपने साथियों विनोद कापड़ी और हेमंत शर्मा के साथ जिस जोश-ओ-खरोश के साथ ‘टीवी 9 भारतवर्ष’ लॉन्च किया था, उसी चैनल से पहले विनोद कापड़ी और अब अजीत अंजुम के अलविदा कहने के बाद मीडिया गलियारों में कई तरह की बातें सामने आ रही हैं।
अजित अंजुम ने टीवी9भारतवर्ष कर्मियों के व्हाटसअप ग्रुप में सभी सहयोगियों को यह आखिरी अलविदा पोस्ट डाला और फिर ग्रुप से लेफ्ट कर गए-
दोस्तों, TV9 भारतवर्ष के साथ मेरा सफर आज खत्म होता है ..एक-डेढ़ महीने से मैं चिंतन – मनन कर रहा था कि अब इस संस्थान से अपने रिश्ते को विराम देना चाहिए . टालता रहा. फिर छुट्टी पर चला गया. अपने भीतर की बेचैनियां समेटे दस दिन से मैं छुट्टी पर था. आज लगा कि अब अपने मन का फैसला सबको बता देना चाहिए ..आप सबको शुभकामनाएं. आप सब बेहतर करें .आगे बढ़े .छोटी सी दुनिया है . मुलाकात होती रहेगी ..किसी को अगर मेरी वजह से दुख पहुंचा हो तो माफी चाहूंगा ..
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि एक और बहादुर पत्रकार ने जब पत्रकारिता में चाटुकारिता को अपनाने से इंकार कर दिया तो तो उसे नये सरकारी भोपूँ समूह @TV9Bharatvarsh से इस्तीफ़ा देना पड़ा. भाई @ajitanjum के जज़्बे को सलाम।
एक और बहादुर पत्रकार ने जब पत्रकारिता में चाटुकारिता को अपनाने से इंकार कर दिया तो तो उसे नये सरकारी भोपूँ समूह @TV9Bharatvarsh से इस्तीफ़ा देना पड़ा भाई @ajitanjum के जज़्बे को सलाम। https://t.co/PwDY9ZZMoR
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) September 7, 2019
बताया जा रहा है कि अजीत अंजुम ने ये बड़ा फैसला इसलिए लिया, क्योंकि हैदराबाद की मैनेजमेंट टीम ने अब चैनल पर पूरी तरह से अधिकार जमा लिया है। ऐसे में अजीत अंजुम का 7 बजे का शो ‘राष्ट्रीय बहस’ भी लगातार निशाने पर था। बताया जा रहा है कि पहले शो के एजेंडे और विषय को लेकर मैनेजमेंट ने शिकायत करना शुरू किया और फिर अचानक शो का समय एक घंटे से घटाकर आधा घंटा करने का फैसला ले लिया था। अचानक पिछले हफ्ते हुए इस फैसले के बाद से अजीत अंजुम छुट्टी पर चले गए थे और फिर कल नए सीईओ के जॉइन करने के बाद आज उन्होंने आखिरकार भारी मन से ये फैसला लिया है।
वैसे चैनल में कार्यरत कुछ पत्रकारों का ये भी कहना है कि चैनल की लॉन्चिंग के समय ही जब प्रधानमंत्री मोदी ने ये कहा कि आप लोगों के तो खून में ही मुझे गाली देना है, उसी समय प्रबंधन ने एंटी मोदी माने जाने वाले विनोद कापड़ी और अजीत अंजुम की विदाई का मन बना लिया था और पांच महीनों में ही उसे अमलीजामा पहना दिया।
बिहार के बेगूसराय में जन्मे अजीत अंजुम को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का काफी अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत तभी कर दी थी, जब वह मुजफ्फरपुर के कॉलेज में पढ़ रहे थे। उस समय पाटलिपुत्र टाइम्स (Patliputra Times) में रिपोर्टर के तौर पर काम करते हुए उन्होंने अपना नाम भी अजीत कुमार से बदलकर अजीत अंजुम रख लिया था। पटना में फ्रीलॉन्स जर्नलिस्ट के रूप में काम करने के दौरान उन्होंने ‘धर्मुयग’, ’साप्ताहिक हिन्दुस्तान’, ’दिनमान’ और ’रविवार’ के लिए लिखना शुरू कर दिया। बाद में अपने पत्रकारिता करियर को धार देने के लिए वह 1989 में दिल्ली आ गए और ‘अमर उजाला’ के साथ काम शुरू कर दिया।
1994 में अजीत अंजुम ने ‘बीएजी फिल्म्स’ को जॉइन कर लिया और बतौर डायरेक्टर ‘Rubaru’ नाम से टॉक शो की कमान संभाल ली। इस शो के एंकर राजीव शुक्ला थे। ‘बीएजी फिल्म्स’ में अपनी पारी के दौरान अजीत अंजुम ने कई लोकप्रिय शो प्रड्यूस किए। फिर उन्होंने ‘आजतक’ में सीनियर प्रड्यूसर की जिम्मेदारी भी संभाली। हालांकि, बाद में उन्होंने फिर ‘बीएजी’ फिल्म्स में वापसी की और वर्ष 2007 में ‘न्यूज24’ चैनल लॉन्च कराया।
लंबे समय तक यहां काम करने के बाद उन्होंने वर्ष 2014 में ‘न्यूज24’ को अलविदा कह दिया और ‘इंडिया टीवी’ में बतौर मैनेजिंग एडिटर नई पारी शुरू की। बाद में यहां से अपनी पारी को विराम देकर कुछ समय तक उन्होंने जमकर फ्रीलांस पत्रकारिता की। 2019 में मार्च में उन्होंनेे ‘टीवी9’ भारतवर्ष को जॉइन किया था और कंसल्टिंग एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अजीत अंजुम को वर्ष 2010 में प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका अवॉर्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा वर्ष 2017 में उन्हें दुष्यंत स्मृति सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।
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