एनटीए द्वारा आयोजित नीट परीक्षा का विवाद अब बड़ा मुद्दा बन चुका है। देशभर में परीक्षार्थियों और युवाओं में गहरा रोष है, जिसके चलते विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के खिलाफ व्यापक विरोध के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी स्वीकार किया है कि नीट परीक्षा परिणाम में कुछ गड़बड़ियां हुई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे सख्त सजा दी जाएगी।
नीट परीक्षा का परिणाम आने के बाद से ही इसमें धांधली के आरोप लग रहे हैं, और छात्र व अभिभावक एनटीए के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। छात्र संगठनों ने भी इस विरोध में हिस्सा लिया है और सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
बिहार के पटना-नालंदा और गुजरात के गोधरा में नीट पेपर लीक की ओर इशारा करते हुए सबूत मिले हैं, और कुछ गिरफ्तारियां भी की गई हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने अनियमितताओं की बात को स्वीकार किया है।
#WATCH | Sambalpur, Odisha: On the NEET issue, Union Education Minister Dharmendra Pradhan says, “On the recommendations of Supreme Court, the order has been given for re-test of 1,563 candidates…Some irregularities have come to light in two places. I assure students and… pic.twitter.com/yrdvdAcn4g
— ANI (@ANI) June 16, 2024
रविवार को संबलपुर, ओडिशा में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “नीट के संबंध में दो प्रकार की अव्यवस्था की जानकारी मिली है। कुछ छात्रों को कम समय मिलने के कारण उन्हें ग्रेस नंबर दिए गए थे। इसके अलावा, दो स्थानों पर गड़बड़ियां पाई गई हैं। मैं छात्रों और अभिभावकों को आश्वस्त करता हूं कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “सुप्रीम कोर्ट की अनुशंसा पर 1,563 अभ्यर्थियों की पुनः परीक्षा कराने का आदेश दिया गया है। अगर एनटीए के बड़े अधिकारी भी दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। एनटीए में सुधार की आवश्यकता है और सरकार इस पर गंभीर है। किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।”
शिक्षा मंत्री ने बताया कि शनिवार को उन्होंने कुछ छात्रों और अभिभावकों से अपने दफ्तर में मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, “जो छात्र मुझसे मिलना चाहते थे, मैंने उन्हें बुलाया और उनके माता-पिता से भी मुलाकात की। मैंने उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें आश्वासन दिया। सरकार प्रतिबद्ध है और सभी छात्रों को यह विश्वास दिलाना चाहिए कि पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा, “24 लाख विद्यार्थियों ने आवेदन किया था, और 23 लाख 30 हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। स्वाभाविक है कि कुछ शंकाएं और अनियमितताएं सामने आईं। ग्रेस मार्क्स देने के लिए समय की कमी के कारण कुछ केंद्रों में गड़बड़ियां हुईं, लेकिन अब इसे सुधार लिया गया है।”
मंत्री ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने उन छात्रों को फिर से परीक्षा देने की अनुमति दी है और उन्हें सूचित कर दिया गया है। जो लोग परीक्षा देना चाहते हैं, वे फिर से परीक्षा दे सकते हैं।”