GUWAHATI : प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां कामाख्या धाम में आज से अबुंवासी मेला शुरू होने वाला है। अंबुवासी महायोग शुरू होने में अब मात्र 24 घंटे बचे हुए हैं। नीलाचल पहाड़ी पर देश-विदेश से आए साधु-संतों का जमावड़ा लगा हुआ है। बुधवार को अंबुवासी महायोग की पूर्व संध्या पर कामाख्या स्थित दशनामी अखाड़ा के नगा साधु-संतों ने शोभायात्रा निकाली, साथ ही मंदिर की परिक्रमा की।

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आपको बता दें कि इस वर्ष अंबुवासी महायोग की प्रवृत्ति 22 जून की रात्रि 2 बजकर 30 मिनट और 42 सेकेंड पर शुरू होगी। गुरुवार को सूर्यास्त तक श्रद्धालु कामाख्या के दर्शन कर पाएंगे। जिसके बाद संध्या आरती के पश्चात कामाख्या मंदिर का पट बंद कर दिया जाएगा और इसी के साथ चार दिवसीय अंबुवासी मेले की शुरुआत होगी। वहीं 26 जून की सुबह देवी को स्नान आदि कराने के बाद मंदिर का कपाट आम भक्तों के लिए खोले दिए जाएंगे।

निलाचल पहाड़ी साधु संत, तंत्र साधकों एवं श्रद्धालुओं के जयकारों से गूंज रही है। जिला प्रशासन ने मेले को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। आज से महानगर के भरलुमुख से लेकर कामाख्या रेलवे स्टेशन, पांडू पोर्ट तक भक्तों की भीड़ लगी हुई है। बता दें कि इस साल अंबुवासी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को ‘वैष्णो देवी’ की तर्ज पर नंगे पांव करीब 3 किलोमीटर पहाड़ी की चढ़ाई करनी पड़ेगी। वहीं कामाख्या मंदिर में फूलों का भव्य श्रृंगार किया गया है।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्वयंसेवी संगठनों की तरफ से शुद्ध पेयजल, शर्बत आदि की व्यवस्था की गई है। नर्सरी से लेकर कामाख्या धाम तक रंगबिरंगी लाइट की सजावट से नीलाचल जगमगाने लगा है। चार दिवसीय अंबुवासी महायोग के दौरान इस साल कामाख्या मंदिर प्रांगण तक पहुंचने वाले भक्तों को कई जगह बैरिकेड लगा कर रोका जाएगा। ताकि भीड़ पर नियंत्रण किया जा सकेगा इससे भगदड़ मचने की संभावना कम रहेगी। है।

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