दरअसल न्यूयॉर्क स्थित सीटी बैंक मुख्यालय नें नये वर्ष के मौके पर सभी गोल्ड श्रेणी के ग्राहकों को एक गिफ्ट भेजा है। इसी क्रम में मुजफ्फरपुर के स्वेताभ कुमार को भी एक उपहार भेजा गया। स्वेताभ कुमार ने गिफ्ट खोला तो उसमें अंग्रेजी कविताओं का एक संग्रह पाया। उन कविताओं में जो लिखा था वो किसी भी भारतीय के लिए सहनीय नहीं था। एक सच्चे हिन्दुस्तानी होने के नाते उन्होंने इस बात की कठोर निंदा करते हुए सीटी बैंक में शिकायत दर्ज की।

सीटी बैंक ने दलील देते हुए कहा कि कविता में जो लिखा है वो उनकी जानकारी के बाहर है। सीटी बैंक द्वारा भारतीय सेना पर आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में स्वेताभ कुमार ने मोर्चा खोल दिया और भारतीय मिडिया को इसकी जानकारी दी। दरअसल कविता में कुछ पंक्तियां सेना और कश्मीर मामले में पाकिस्तान की भाषा बोल रही है।

पंक्तियाँ इस प्रकार है –

इसका मतलब है

‘घाटी (कश्मीर) रो रही है,

बच्चों का खून बह रहा है,

पुरी पहाड़ी त्रस्त हो चुकी है

सेना के लालच से।’

सीटी बैंक इस तरह के हथकंडों से पाकिस्तान की भाषा बोल रहा है और कश्मीर व सेना के विरोध में ज़हर उगल रहा है जो हम भारतीयों के लिए असहनीय है। आपसब इस पोस्ट को शेयर कर सीटी बैंक की इस नीति का विरोध करें और साथ हीं सीटी बैंक शीघ्रातिशीघ्र सार्वजनिक रूप से माफी मांगे।

I just find myself happy with the simple things. Appreciating the blessings God gave me.